बढ़ते खर्चों की बड़ी वजह: फिल्मी असर
पहले घर की महिलाएं मेहंदी और हल्दी जैसी रस्में खुद निभा लिया करती थीं, लेकिन अब ये आयोजन भी बड़े स्तर पर किए जाने लगे हैं। महंगे कपड़े, शानदार सजावट, फोटो-वीडियोग्राफी जैसी चीजों पर ज्यादा पैसा खर्च हो रहा है। पहले शादी में घर की बुजुर्ग महिलाएं ढोलक पर मंगल गीत गाया करती थीं, लेकिन अब ‘महिला संगीत’ का आयोजन किया जाता है, जिसमें काफी खर्चा होता है। इसके अलावा, प्री-वेडिंग शूट का चलन भी शादी के खर्च को बढ़ा रहा है।
शादी की तैयारी पहले से ही शुरू
अब हालात ऐसे बन गए हैं कि बेटी के जन्म के साथ ही माता-पिता उसकी शादी की बचत शुरू कर देते हैं, क्योंकि शादी का खर्च लाखों में पहुंच चुका है। सभी मैरिज गार्डन पहले से बुक हो चुके हैं। दिखावे के कारण माता-पिता अपनी आर्थिक स्थिति से ऊपर जाकर भव्य शादी करने की कोशिश कर रहे हैं। मैरिज गार्डन और होटल की बुकिंग 60 हजार से लेकर 8 लाख रुपए तक पहुंच चुकी है। वहीं, बिजली विभाग अस्थायी कनेक्शन के लिए 10 से 15 रुपए प्रति यूनिट चार्ज ले रहा है।
खाने के खर्च में भारी बढ़ोतरी
पहले शादी में पारंपरिक भोजन ही परोसा जाता था, लेकिन अब खाने के मेन्यू में चाइनीज, कॉन्टिनेंटल, इटालियन और मैक्सिकन जैसे व्यंजन जोड़े जा रहे हैं। इससे खाने का खर्च 40 से 50 प्रतिशत तक बढ़ गया है। पहले जहां 200 लोगों का भोजन 100-150 रुपए प्रति थाली में हो जाता था, अब वही खर्च 250 से 500 रुपए प्रति थाली तक पहुंच गया है।
शादी के खर्च में बढ़ोतरी की तुलना
खर्च का प्रकार | पहले का खर्च | अब का खर्च |
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मैरिज गार्डन/होटल | 20-25 हजार | 70 हजार से 8 लाख तक |
फोटो/वीडियो | 15-18 हजार | 25 हजार से 2.5 लाख तक |
खाने का खर्च (200 मेहमानों पर) | 60-70 हजार | 1.5 लाख से 5 लाख |
थीम वेडिंग ड्रेस | 10-20 हजार | 1.5 लाख से 3 लाख |
मेहंदी/हल्दी समारोह | घर पर बिना खर्च | 40-50 हजार तक |
महिला संगीत | घर में साधारण | 30 हजार से 1 लाख तक |
शादी अब सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि एक बड़ी तैयारी बन चुकी है, जिसमें खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है।