छत्तीसगढ़ के प्रयागराज कहे जाने वाले राजिम में राजिम कुंभ कल्प मेला 2025 का आयोजन 12 फरवरी से 26 फरवरी तक होगा। यह मेला चौबे बांधा, राजिम में 54 एकड़ क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा।
राज्यपाल करेंगे मेले का शुभारंभ
इस भव्य मेले का शुभारंभ 12 फरवरी को राज्यपाल रमेन डेका करेंगे। इस मौके पर देशभर के प्रसिद्ध संत और महापुरुष भी मौजूद रहेंगे। राजिम कुंभ की पहचान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में बन चुकी है।
विशेष आकर्षण
- संतों का विशाल समागम
- यज्ञ, प्रवचन, भजन-कीर्तन
- सांस्कृतिक कार्यक्रम और महानदी आरती
- भागवत कथा (13 से 19 फरवरी)
- सत्संग दरबार (21 से 25 फरवरी)
- रात्रि 10 बजे तक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
राजिम कुंभ की मान्यता
राजिम, महानदी, पैरी और सोंधूर नदियों के त्रिवेणी संगम पर स्थित है, जिसे छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहा जाता है। यह क्षेत्र पद्मक्षेत्र या कमलक्षेत्र के नाम से भी प्रसिद्ध है। यहां के राजीवलोचन (विष्णु) और कुलेश्वर (शिव) मंदिर को हरिहर क्षेत्र माना जाता है। मान्यता है कि जगन्नाथपुरी की यात्रा राजिम के साक्षी गोपाल के दर्शन के बिना अधूरी मानी जाती है।
राजिम कुंभ: धर्म, आस्था और संस्कृति का प्रतीक
यह मेला धर्म, आस्था और संस्कृति का संगम है, जो सामाजिक समरसता और आध्यात्मिक शांति का संदेश देता है। इसमें नागा साधु, संन्यासी, अखाड़ों के संत, महंत और जगद्गुरु शंकराचार्य शामिल होते हैं। यह छत्तीसगढ़ की समृद्ध परंपरा और लोक संस्कृति को दर्शाने वाला महत्वपूर्ण आयोजन है।