हाईकोर्ट ने मांगी शिकायतों की जानकारी
राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) से SI भर्ती परीक्षा से जुड़ी शिकायतों का पूरा विवरण मांगा है। बुधवार को याचिकाकर्ता पक्ष की बहस पूरी हो चुकी है और अब गुरुवार को राज्य सरकार और प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों की ओर से पक्ष रखा जाएगा।
तीनों दिनों में हुआ था पेपर लीक
न्यायाधीश समीर जैन ने कैलाश चंद्र शर्मा और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मेजर आरपी सिंह और हरेन्द्र नील ने कोर्ट को बताया कि SI भर्ती परीक्षा के तीनों दिन पेपर लीक हुआ था।
SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) की जांच से यह साफ हुआ कि पेपर कई गिरोहों तक पहुंचा और इसमें RPSC के कुछ सदस्य भी शामिल थे।
याचिकाकर्ताओं ने लगाए ये आरोप
- परीक्षा में निजी स्कूलों को सेंटर बनाया गया और वहां निजी वीक्षक (इंविजिलेटर) नियुक्त किए गए।
- गिरफ्तार किए गए कई अभ्यर्थियों के परिवार के सदस्य आपराधिक रिकॉर्ड वाले थे।
- राज्य सरकार अपने मनमुताबिक कुछ भर्तियों को रद्द कर देती है, लेकिन कुछ को नहीं।
- कुछ महीने पहले ईओ-आरओ भर्ती रद्द कर दी गई थी, लेकिन SI भर्ती पर कोई फैसला नहीं लिया गया।
सरकार का तर्क: 3 साल बाद क्यों आई याचिका?
अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने कहा कि SI परीक्षा सितंबर 2021 में हुई थी, लेकिन याचिका 2024 में दायर की गई। उन्होंने सवाल उठाया कि तीन साल तक इंतजार क्यों किया गया?
सरकार का आरोप: याचिकाकर्ताओं ने छुपाए तथ्य
सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि कुछ याचिकाकर्ता साक्षात्कार तक पहुंचे थे, लेकिन मेरिट लिस्ट में नहीं आने पर अब कोर्ट आ गए। कुछ के न्यूनतम अंक भी नहीं थे, फिर भी उन्होंने याचिका दायर कर दी।
सरकार का पक्ष
- SI भर्ती की जांच अभी जारी है, इसलिए जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लिया जा सकता।
- याचिकाकर्ताओं ने कुछ महत्वपूर्ण जानकारी छुपाई है।
अब आगे क्या?
आज होने वाली सुनवाई में सरकार और प्रशिक्षु SI अपना पक्ष रखेंगे। हाईकोर्ट के फैसले पर SI भर्ती परीक्षा में शामिल हजारों अभ्यर्थियों की नजरें टिकी हुई हैं।