ट्रांसपोर्ट कंपनी में व्यवस्था नहीं, खुद ढूंढ़नी पड़ी कॉपियां
उत्तर पुस्तिकाएं मथुरा से भेजी गई थीं। इन्हें भीलवाड़ा के ट्रांसपोर्ट नगर में एक कंपनी के पास उतारा गया। जब 121 स्कूलों के परीक्षा केंद्र प्रभारियों को बुलाया गया, तो वहां कोई व्यवस्था नहीं थी। शिक्षकों को खुद अपने-अपने बंडल ढूंढ़ने पड़े।
कोटड़ी क्षेत्र के बीरधोल स्कूल के शिक्षक रामेश्वरलाल नायक ने बताया कि ट्रांसपोर्ट कंपनी में कोई सुविधा नहीं थी। शिक्षक खुद परीक्षा केंद्र के कोड नंबर के आधार पर बंडल ढूंढ़ रहे थे। कई बार गलती से दूसरे स्कूलों के बंडल उठा लिए गए, जिन्हें बाद में बदलना पड़ा।
सिर और कंधे पर रखकर ले जाने पड़े बंडल
बंडल स्कूलों तक पहुंचाने के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं था, इसलिए कई शिक्षक अपने वाहनों से आए। कुछ शिक्षकों को बंडल कंधे या सिर पर रखकर ले जाते देखा गया।
अभी एक और ट्रक आना बाकी
ट्रांसपोर्ट कंपनी के मैनेजर विकास गोयल ने बताया कि पहला ट्रक पहुंच चुका है, जिसमें 121 स्कूलों के लिए 565 बंडल भेजे गए हैं। शिक्षकों को फोन कर बंडल लेने बुलाया गया, लेकिन हर बंडल के लिए 90 रुपए और तीन बंडल के लिए 120 रुपए किराया लिया जा रहा है। अभी एक और ट्रक आने वाला है।