जमीन की कमी बनी बाधा:
सागर की देवरी, केसली और गढ़ाकोटा तहसीलों में 8 जगहों पर 988 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की गई थी, लेकिन यह जमीन वन विभाग और अन्य विभागों को आवंटित हो गई। अब तक सौर पार्क के लिए एक भी जमीन आवंटित नहीं हो पाई है।
बिजली उत्पादन और रोजगार का नुकसान:
1500 मेगावाट का यह प्लांट हर घंटे 15 लाख यूनिट बिजली बना सकता था। एक दिन में 1.5 करोड़ यूनिट बिजली उत्पन्न होती, जिससे सागर संभाग की बिजली समस्या खत्म हो जाती। इसके साथ ही 16,000 लोगों को निर्माण के दौरान और 1500 लोगों को स्थायी रोजगार मिलता।
चिन्हित की गई जगहें:
- पटौआ गांव (बंडा) – 269.50 हेक्टेयर
- चकेरी बिनेका (बंडा) – 218 हेक्टेयर
- भुसौरा बम्हौरी (केसली) – 10.62 हेक्टेयर
- बघवारा किरकोटा (केसली) – 78.42 हेक्टेयर
- पंजरा (देवरी) – 27.57 हेक्टेयर
- सुना (देवरी) – 44.51 हेक्टेयर
- पुरैनाकरन (देवरी) – 73.05 हेक्टेयर
- बमनौरा (गढ़ाकोटा) – 266.73 हेक्टेयर
दमोह प्रशासन ने दिखाई रुचि:
दमोह कलेक्टर ने 1000 हेक्टेयर जमीन की मांग को मंजूरी देने की बात कही है। सागर में अब तक कोई जमीन नहीं मिली है, जबकि दमोह में जमीन आवंटन की प्रक्रिया तेजी से हो रही है।
– सत्येंद्र साहू, जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी