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प्रज्वल रेवन्ना और उसके फरार होने की कहानी

कांग्रेस के आरोप: प्रज्वल रेवन्ना के फरार होने के बाद, कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाए हैं। वे कहते हैं कि प्रज्वल के देश छोड़ने के बाद भी उन्हें सच्चाई पता थी, लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें जाने की अनुमति दी।

विदेश मंत्रालय का बयान: विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रज्वल को राजनयिक पासपोर्ट होने के कारण अनुमति की आवश्यकता नहीं थी, इसलिए उन्हें बिना परमिशन के विदेश जाने की अनुमति दी गई।

ब्लू कॉर्नर नोटिस: प्रज्वल के लिए ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है, जिसका मतलब है कि अगर वह देश में वापस नहीं आता है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

कांग्रेस का आरोप: प्रज्वल रेवन्ना के फरार होने के बाद, कांग्रेस ने बीजेपी पर कैसे आरोप लगाए हैं?

सवाल 1: विदेश मंत्रालय का बयान: प्रज्वल के राजनयिक पासपोर्ट के जरिए देश छोड़ने पर विदेश मंत्रालय ने क्या कहा है?

जवाब: विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हमने प्रज्वल की जर्मनी यात्रा को लेकर कोई मंजूरी नहीं दी है। प्रज्वल के जर्मनी जाने को लेकर मंत्रालय से कोई राजनीतिक मंजूरी न ही मांगी गई थी और न ही जारी की गई थी। प्रज्वल को कोई वीजा नोट भी जारी नहीं किया गया, क्योंकि जिन लोगों के पास राजनयिक पासपोर्ट होता है उन्हें किसी भी देश में जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं होती।

सवाल 2: राजनयिक पासपोर्ट पर बिना वीजा विदेश जाने के नियम क्या हैं?

जवाब: राजनयिक पासपोर्ट धारकों को कुछ विशेषाधिकार मिलते हैं, हालांकि प्रशासन को यह भी ध्यान रखना होता है कि इसका गलत इस्तेमाल न किया जाए। डिप्लोमैटिक या ऑफिशियल पासपोर्ट राजनयिक दर्जा रखने वाले लोगों, संसद के सदस्यों और विदेश में आधिकारिक सेवाएं देने वाले अधिकारियों को जारी किए जाते हैं।

सवाल 3: डिप्लोमैटिक पासपोर्ट के जरिए जर्मनी जाने के लिए प्रज्वल को वीजा की जरूरत क्यों नहीं पड़ी?

जवाब: साल 2011 में जर्मनी के साथ हुए द्विपक्षीय समझौते के तहत, भारत के राजनयिक पासपोर्ट धारकों को 90 दिनों तक बिना वीजा जर्मनी में रहने की अनुमति है।

सवाल 4: प्रज्वल के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस किसने और क्यों जारी किया?

जवाब: इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गेनाईजेशन यानी इंटरपोल ने प्रज्वल के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया है। इसका मतलब है कि अगर वह देश में वापस नहीं आता है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

सवाल 5: क्या ब्लू कॉर्नर नोटिस के जरिए प्रज्वल को वापस लाया जा सकेगा?

जवाब: ब्लू नोटिस केवल जांच एजेंसियों की जांच को आगे बढ़ाने के लिए है। इंटरपोल के नोटिस पूरी तरह से उसके अपने विवेक पर निर्भर होते हैं, यानी इंटरपोल खुद किसी देश के अधिकारियों या पुलिस को किसी नोटिस के मुताबिक, कार्रवाई करने पर मजबूर नहीं कर सकता।

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