डूंगरपुर-रतलाम रेल प्रोजेक्ट:
डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेल परियोजना की घोषणा 2010-11 में हुई थी, लेकिन जमीन अधिग्रहण में देरी के कारण काम रुक गया। अब उम्मीद है कि जल्द ही काम तेज़ी से शुरू होगा। यह प्रोजेक्ट 2031 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
सांसद ने की रेल मंत्री से मुलाकात:
बांसवाड़ा-डूंगरपुर के सांसद राजकुमार रोत ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर इस प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने की मांग की। रेल मंत्री ने आश्वासन दिया कि काम जल्दी शुरू होगा।
स्टेशन और रूट की जानकारी:
डूंगरपुर से रतलाम के बीच 191 किलोमीटर लंबा ट्रैक बनेगा, जिसमें से 143 किलोमीटर राजस्थान और 48 किलोमीटर मध्यप्रदेश से गुजरेगा। इस प्रोजेक्ट की शुरुआती लागत 2100 करोड़ थी, लेकिन देरी के कारण अब 4000 करोड़ से ज्यादा हो गई है।
राजस्थान में बनने वाले 14 स्टेशन:
डूंगरपुर, मनपुर, नवागांव, टामटिया, जोधपुरा, सागवाड़ा, भीलूडा, गढ़ीपरतापुर, वजवाना, मतीरा, बांसवाड़ा, कुंडला खुरडा, अरभितखाटुम्बी, छोटी सरवन।
मध्यप्रदेश में 5 स्टेशन:
सेवारा अलका खेरा, चांदीरा बेरदा, शिवगढ़, पालसोरीत, रतलाम।
अन्य खास बातें:
- 7 सुरंगें (कुल लंबाई 7.40 किमी)
- 43 घुमावदार मोड़
- वंदे भारत एक्सप्रेस का डूंगरपुर में स्टॉपेज और उदयपुर-दिल्ली मेवाड़ एक्सप्रेस को डूंगरपुर तक बढ़ाने की भी मांग की गई है।
निष्कर्ष:
डूंगरपुर और बांसवाड़ा के लोगों का सालों पुराना सपना जल्द पूरा होने वाला है। इस नए रेल प्रोजेक्ट से राजस्थान का आदिवासी क्षेत्र भी रेल सेवा से जुड़ जाएगा।