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राजस्थान में फरवरी में ही गर्मी का असर, गेहूं-चना और जौ की फसल को नुकसान का डर

फरवरी में ही बढ़ी गर्मी
राजस्थान में फरवरी महीने में ही दिन का तापमान बढ़ने लगा है, जिससे गर्मी का अहसास होने लगा है। किसानों की चिंता भी बढ़ गई है। बीते 24 घंटों में सबसे ज्यादा तापमान बाड़मेर में 32 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग का कहना है कि अगले एक हफ्ते तक मौसम शुष्क रहेगा।

फसलों को हो सकता है नुकसान
गेहूं और जौ की फसल को नमी और ठंडी हवा की जरूरत होती है। लेकिन अगर धूप तेज रही तो ये फसलें जल्दी सूखने लगेंगी। सिंचाई की कमी से फसल की पैदावार भी कम हो सकती है। सरसों की फसल को ठंड और हल्की ओस की जरूरत होती है। हालांकि सरसों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन ज्यादा गर्मी होने से फूल गिर सकते हैं, जिससे उपज कम हो सकती है।

किसानों की चिंता
किसानों का कहना है कि अगर तापमान ऐसे ही बढ़ता रहा तो फसलें समय से पहले पक जाएंगी और दाने छोटे रह जाएंगे। खासकर गेहूं, चना और जौ की फसल पर इसका असर ज्यादा होगा। फसलों को ज्यादा सिंचाई की जरूरत पड़ेगी।

कहां कितना तापमान?

अगर आने वाले दिनों में तापमान यूं ही बढ़ता रहा तो फसलों की पैदावार पर बुरा असर पड़ सकता है।

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