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प्लास्टिक के कंटेनरों में खाना खाने से बढ़ सकता है हार्ट फेल का खतरा

नई रिसर्च में सामने आया है कि प्लास्टिक के कंटेनरों से खाना खाने से हार्ट फेल होने का खतरा बढ़ सकता है। चीनी शोधकर्ताओं की इस स्टडी में पाया गया कि प्लास्टिक से निकलने वाले रसायन आंतों के बैक्टीरिया (गट बायोम) को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे सूजन और दिल की बीमारियां हो सकती हैं।

रिसर्च में क्या पता चला?

  • चीन में 3,000 से ज्यादा लोगों पर की गई इस स्टडी में यह देखा गया कि जो लोग ज्यादा प्लास्टिक कंटेनरों से खाना खाते हैं, उनमें हार्ट फेल का खतरा बढ़ जाता है।
  • चूहों पर किए गए प्रयोग में भी यह पाया गया कि प्लास्टिक रसायनों के संपर्क में आने से उनके दिल की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा और आंतों में सूजन हो गई।

कौन से रसायन होते हैं खतरनाक?

  • प्लास्टिक में BPA, थैलेट्स और PFAS जैसे लगभग 20,000 रसायन होते हैं, जो कैंसर और प्रजनन से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
  • जब गर्म खाना प्लास्टिक कंटेनरों में रखा जाता है, तो ये रसायन जल्दी से खाने में मिल जाते हैं, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

चूहों पर असर

  • चूहों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि प्लास्टिक रसायनों के संपर्क से उनके आंतों के बैक्टीरिया में बदलाव हुआ, जिससे सूजन और तनाव बढ़ गया।

सुरक्षा के उपाय

  • प्लास्टिक कंटेनरों में गर्म खाना न रखें और माइक्रोवेव में प्लास्टिक का इस्तेमाल न करें।
  • कांच, लकड़ी या स्टेनलेस स्टील के कंटेनरों का इस्तेमाल करें।
  • बाहर से खाना मंगवाने पर उसे कांच के बर्तन में निकालकर खाएं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि प्लास्टिक के कम इस्तेमाल से दिल की बीमारियों का खतरा कम किया जा सकता है।

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