क्या पूरा हुआ और क्या अधूरा?
- 39% जिलों में बजट घोषणाओं का काम पूरा हो चुका है और जनता को लाभ मिलना शुरू हो गया है।
- 47% जिलों में घोषणाओं की फाइलें ही दौड़ रही हैं और काम शुरू नहीं हुआ।
- 5 जिलों में अब तक किसी भी बड़ी घोषणा पर काम शुरू नहीं हुआ है।
पूरी हुई घोषणाएं:
- जयपुर: वन विभाग ने 7 करोड़ पौधे लगाए। रोडवेज ने इलेक्ट्रिक बसों की खरीद शुरू की।
- भीलवाड़ा: नगर परिषद को नगर निगम में बदला।
- सीकर: धोद को नगर पालिका का दर्जा मिला।
- चूरू: जिला अस्पताल से सेटेलाइट अस्पताल जोड़ा गया।
- दौसा: लालसोट को नगर परिषद का दर्जा।
- झुंझुनूं: सुलताना, जाखल और डूंडलोद में नगर पालिका।
- प्रतापगढ़: अरनोद में महाविद्यालय।
- भरतपुर: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के पास जूलॉजिकल पार्क के लिए जमीन और बजट।
- बीकानेर: बीकानेर विकास प्राधिकरण का गठन।
- फलोदी: बालिका महाविद्यालय शुरू।
- श्रीगंगानगर: जिला अस्पताल में कैंसर विंग की शुरुआत।
कागजों में अटकी घोषणाएं:
- अलवर: सिलीसेढ़ से पानी लाने का टेंडर, काम अधूरा।
- कोटा: ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का टेंडर, निर्माण शुरू नहीं।
- उदयपुर: 212 आवासों की लॉटरी पूरी, पर जमीन अधिग्रहण बाकी।
- अजमेर: 2 नए थानों में से सिर्फ 1 थाना शुरू।
- बाड़मेर: 48 करोड़ की सड़कों का निर्माण अधूरा।
- जोधपुर: लूणी पंचायत को नगरपालिका का दर्जा, पर बजट जारी नहीं।
जहां कोई बड़ी घोषणा पूरी नहीं हुई:
- चित्तौड़गढ़, नागौर, बूंदी, टोंक और सवाईमाधोपुर।
अब देखना होगा कि भजनलाल सरकार इस बार के बजट में क्या नया करती है और पिछली अधूरी घोषणाओं को कैसे पूरा किया जाता है।