राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के 1999 के पेपर लीक मामले में कोर्ट ने फैसला दिया है कि दो आरोपी घटना के समय नाबालिग थे। अब यह मामला बाल न्यायालय में चलेगा।
क्या था मामला?
1999 में RPSC अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह को फोन पर RAS-प्री परीक्षा के सामान्य ज्ञान और सामान्य विज्ञान के पेपर लीक होने की सूचना मिली थी। इसके बाद उन्होंने सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
आरोपियों पर लगा था आरोप
जांच के बाद प्रताप मीणा, नाथूलाल, राजेन्द्र सिंह, अनिल मीणा और चंद्रशेखर के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया गया था। सुनवाई के दौरान प्रताप मीणा की मृत्यु हो गई।
नाबालिग साबित हुए आरोपी
आरोपियों अनिल मीणा और चंद्रशेखर के वकील ने स्कूल रिकॉर्ड और जन्म प्रमाण पत्र के जरिए साबित किया कि घटना के समय (28 नवंबर 1999) वे नाबालिग थे।
25 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
कोर्ट ने 7 फरवरी को आदेश दिया कि इस मामले की पत्रावली 25 फरवरी को किशोर न्याय बोर्ड में प्रस्तुत की जाए और दोनों आरोपी भी इसी दिन हाजिर हों।