छिंदवाड़ा और पांढुर्ना जिले में पिछले कुछ महीनों में हजारों शादियां हुईं, और कई नवविवाहित जोड़े अपने घरों से अलग हो गए हैं। इनमें से अधिकांश गरीब परिवार गैस सिलेण्डर पाने के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि पोर्टल बंद है। पेट्रोलियम कंपनियां छिंदवाड़ा में अपने लक्ष्य की बात कर रही हैं, लेकिन नए परिवारों को अब भी गैस कनेक्शन की जरूरत है।
उज्जवला गैस योजना की शुरुआत
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना 1 मई 2016 को शुरू हुई थी, जिसका उद्देश्य गरीबों को स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराना था। तब से 2022 तक छिंदवाड़ा-पांढुर्ना जिले में 2.32 लाख गैस कनेक्शन जारी किए गए थे। इस योजना में 300 रुपये की सब्सिडी भी दी जाती है।
पोर्टल बंद होने से समस्या
वर्ष 2022 के बाद से पेट्रोलियम कंपनियों ने उज्जवला गैस पोर्टल बंद कर दिया और छिंदवाड़ा जिले को नया लक्ष्य भी नहीं दिया। इस कारण नए गरीब परिवारों को गैस कनेक्शन प्राप्त करने में मुश्किल हो रही है। अब इन्हें सामान्य गैस कनेक्शन उच्च कीमतों पर खरीदने पड़ रहे हैं।
नई जरूरतें और गैस कनेक्शन
पिछले कुछ वर्षों में शादी-ब्याह के कारण जिले में कई नए गरीब परिवार बने हैं। इन परिवारों को उज्जवला गैस कनेक्शन की जरूरत है, लेकिन पोर्टल बंद होने के कारण उन्हें लकड़ी और कंडे पर खाना पकाना पड़ रहा है।
कनेक्शन की स्थिति
2023 में गैस कंपनियों ने जानकारी दी थी कि जिले में उज्जवला गैस कनेक्शन की संख्या 2.32 लाख है, जबकि सामान्य गैस उपभोक्ताओं की संख्या 2.99 लाख है। कुल मिलाकर जिले में 5.29 लाख गैस उपभोक्ता हैं, लेकिन पोर्टल बंद होने के कारण नए कनेक्शन की संख्या नहीं बढ़ पा रही है।
सहायक आपूर्ति अधिकारी का बयान
अंजू मरावी, सहायक आपूर्ति अधिकारी ने कहा, “उज्जवला गैस कनेक्शन पोर्टल लंबे समय से बंद है, और छिंदवाड़ा को कोई नया लक्ष्य भी नहीं मिला है।”