स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निगम की जिम्मेदारी
नगर निगम को हर घर और दुकान से कचरा उठाने के लिए ऑटो टिपर भेजने होंगे। वार्डों और प्रमुख सड़कों की सफाई की सख्त मॉनिटरिंग करनी होगी, नहीं तो शहर की स्वच्छता रैंकिंग पर असर पड़ सकता है। हालांकि, प्रशासन और नगर निगम के प्रयासों से जनता संतुष्ट नजर आ रही है, जिससे इस बार रैंकिंग में सुधार की उम्मीद है।
स्वच्छ भारत मिशन के एक्सपर्ट राकेश मीणा ने बताया कि यह लिंक जल्द ही जनता के बीच उपलब्ध होगा।
लिंक खोलने की प्रक्रिया
- लिंक पर क्लिक करें।
- मोबाइल नंबर दर्ज करें, फिर ओटीपी आएगा।
- ओटीपी डालते ही लिंक खुल जाएगा।
- नाम, पता और अन्य जरूरी जानकारी भरें।
- 10 सवालों के जवाब चुनें।
- अंत में फिर से ओटीपी आएगा, उसे डालकर फॉर्म सबमिट कर दें।
जनता से पूछे गए 10 सवाल
- क्या कोई व्यक्ति रोजाना आपके घर या दुकान से कचरा उठाने आता है?
- आप अपने क्षेत्र की सफाई को किस तरह रेट करेंगे?
- आपके इलाके में कचरे के ढेर कितनी बार देखे जाते हैं?
- क्या आप अपने घर में सूखा और गीला कचरा अलग करते हैं?
- कचरा उठाने वाला कचरे को अलग-अलग रखता है या सब मिलाकर ले जाता है?
- स्थानीय अधिकारी बाजार, पार्क और सार्वजनिक जगहों की सफाई कितनी अच्छी तरह रखते हैं?
- क्या आप कचरा प्रबंधन (रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकिल) केंद्रों के बारे में जानते हैं?
- क्या आप जानते हैं कि सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए केवल लाइसेंस प्राप्त ऑपरेटर ही काम कर सकते हैं?
- आपके क्षेत्र के सार्वजनिक शौचालयों की सफाई से आप कितने संतुष्ट हैं?
- क्या आपने सफाई से जुड़ी किसी समस्या की शिकायत की है? अगर हां, तो उसका समाधान कैसे हुआ?
नगर निगम और प्रशासन द्वारा इस सर्वेक्षण के जरिए जनता की राय जानकर स्वच्छता व्यवस्था में सुधार की उम्मीद की जा रही है।