जांजगीर-नैला निकाय में सबसे ज्यादा 298 मतदाताओं ने नोटा को चुना, जबकि पामगढ़ नगर पंचायत में सबसे कम 31 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। इसके अलावा, अन्य क्षेत्रों में भी नोटा वोट्स मिले जैसे कि चांपा में 240, अकलतरा में 205, और बलौदा में 90 वोट नोटा के रूप में डाले गए।
इस बार, चुनावी प्रक्रिया में नोटा के दो अलग-अलग बटन दिए गए थे—एक पार्षद और एक अध्यक्ष के लिए। इससे पहले के चुनावों की तुलना में नोटा के वोटों का प्रतिशत कम हुआ है, जो यह दर्शाता है कि लोग अब जागरूक हो रहे हैं कि नोटा का वोट परिणाम पर कोई असर नहीं डालता है।
सभी क्षेत्रों में नोटा का वोट कुछ हद तक बढ़ा, लेकिन अब आचार संहिता खत्म होने के बाद शहरी क्षेत्रों में विकास कार्य फिर से शुरू होंगे।