सूत्रों के अनुसार, इन तहसीलदारों ने रजिस्ट्री और नामांतरण के काम के बदले 60 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। शिकायत मिलने के बाद ACB ने इस मामले की जांच शुरू की और एक योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाया।
ACB की कार्रवाई
एसीबी एएसपी पुष्पेंद्र सिंह के नेतृत्व में टीम ने पूरी रणनीति के तहत तहसीलदारों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। जैसे ही उन्होंने 15 लाख रुपये की रिश्वत ली, टीम ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया। इस कार्रवाई की मॉनिटरिंग DIG अनिल कयाल कर रहे थे, और ACB डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा और ADG स्मिता श्रीवास्तव के निर्देश पर ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।
सरकारी विभागों में हड़कंप
ACB की सख्त कार्रवाई के बाद सरकारी विभागों में हड़कंप मच गया है। जैसलमेर जैसे दूर-दराज के जिले में रिश्वतखोरी का मामला सामने आना भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों को उजागर करता है। फिलहाल, ACB दोनों तहसीलदारों से पूछताछ कर रही है, और इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। जांच के आधार पर आगे और भी कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।