प्लेटफॉर्म टिकट से कमाई
भारतीय रेलवे अपनी कुल आय का एक छोटा हिस्सा प्लेटफॉर्म टिकटों से कमाता है, खासकर जब इसे यात्री किराये और माल ढुलाई से होने वाली आय से तुलना की जाती है। प्लेटफॉर्म टिकटों से होने वाली आय हर साल बदलती रहती है, जो टिकट की कीमत, यात्रियों की संख्या और अन्य कारकों जैसे कोविड-19 महामारी पर निर्भर करती है।
प्लेटफॉर्म टिकट से आय का रिकॉर्ड
वित्तीय वर्ष 2019-20 में, जब महामारी का असर नहीं था, भारतीय रेलवे ने प्लेटफॉर्म टिकटों से लगभग ₹160.87 करोड़ की कमाई की थी। लेकिन 2020-21 में महामारी के दौरान यात्रियों की आवाजाही कम होने से यह आय ₹15.48 करोड़ तक घट गई। महामारी के बाद, 2021-22 में ₹103.23 करोड़ और 2022-23 में ₹126.78 करोड़ की कमाई हुई। 2023-24 में यह आय ₹125.90 करोड़ रही, जो स्थिर रही, लेकिन महामारी से पहले के स्तर तक नहीं पहुंच पाई।
प्लेटफॉर्म टिकट का उद्देश्य
प्लेटफॉर्म टिकट से होने वाली आय भारतीय रेलवे की कुल कमाई का एक छोटा हिस्सा है। इसमें माल ढुलाई और यात्री किराये का बड़ा योगदान होता है। प्लेटफॉर्म टिकटों का मुख्य उद्देश्य भीड़ प्रबंधन होता है। पीक टाइम या त्योहारों के दौरान कीमतों को बढ़ाकर भीड़ को नियंत्रित किया जाता है। 2024 में प्लेटफॉर्म टिकटों पर जीएसटी छूट से बिक्री बढ़ सकती है, लेकिन इसका असर कुल आय पर ज्यादा नहीं हुआ है।
निष्कर्ष
प्लेटफॉर्म टिकटों से रेलवे की कमाई एक परिचालन उपकरण के रूप में होती है, न कि वित्तीय स्रोत के तौर पर। यह मुख्य रूप से भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लिया जाता है।