राजस्थान के टोंक जिले में अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो गई थीं, लेकिन राजस्व विभाग ने गलत रिपोर्ट पेश की, जिससे किसानों को मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। इस कारण किसानों में आक्रोश फैल गया है। निवाई क्षेत्र के किसानों को मुआवजा नहीं मिल रहा है, क्योंकि तहसीलदार और पटवारियों ने फसल खराबे की गलत रिपोर्ट दी। किसान महापंचायत का प्रतिनिधि मंडल जल्द ही जिला कलक्टर से मिलने और मुआवजा दिलवाने की मांग करेगा।
80% फसलें हुईं नष्ट
इस वर्ष की अतिवृष्टि के कारण निवाई क्षेत्र के किसानों की लगभग 80% फसलें नष्ट हो गई थीं। किसान महापंचायत ने कई बार ज्ञापन देकर राज्य सरकार से मुआवजे की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है।
वर्षा मापक यंत्र की कमी
किसानों का कहना है कि निवाई क्षेत्र में ग्राम पंचायत स्तर पर वर्षा मापक यंत्र नहीं हैं। तहसील कार्यालय में ही एक यंत्र था, जिसके मुताबिक जुलाई, अगस्त और सितंबर में बारिश रिकॉर्ड की गई थी। इस रिकॉर्ड के आधार पर तीन ग्राम पंचायतों को मुआवजे के लिए चुना गया, लेकिन किसानों का सवाल है कि जब ग्राम पंचायतों के पास रेन गेज डाटा नहीं था, तो इन्हें मुआवजे के लिए क्यों चुना गया।
आंदोलन की चेतावनी
किसान महापंचायत ने चेतावनी दी है कि अगर समय पर मुआवजा नहीं दिया गया तो वे आंदोलन करेंगे। मुआवजे की चयन प्रक्रिया की सत्यता की जांच करने के लिए किसान महापंचायत का प्रतिनिधि मंडल जिला कलक्टर से मिलेगा।