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स्वास्थ्य बीमा योजना: इलाज के लिए खुद का खर्च, अब बिल भुगतान के लिए इंतजार

गंभीर बीमारियों ने पुलिस अधिकारियों और जवानों को प्रभावित किया है। कई बीमारियों का इलाज शहर में नहीं हो पाया, जिसके बाद उन्हें दूसरे शहरों और बड़े अस्पतालों में इलाज करवाना पड़ा। उन्होंने खुद के खर्च पर इलाज कराया, और उम्मीद की थी कि पुलिस स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत उनका खर्चा वापस मिल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अफसरों तक फाइलें पहुंचने के बावजूद बजट की कमी के कारण भुगतान अटका हुआ है। इस समय करीब सवा दो करोड़ रुपये का भुगतान अधिकारियों और जवानों को नहीं किया जा सका है, वहीं अस्पतालों का पौने तीन करोड़ रुपये का बिल अब भी बकाया है।

स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत इलाज

इस योजना के तहत, हर पुलिस जवान को प्रति माह एक रुपये अंशदान के रूप में जमा करना होता है। योजना में पुलिस जवान, उनकी पत्नी और बच्चों को एक वित्तीय वर्ष में आठ लाख रुपये तक इलाज की सुविधा मिलती है। किसी को भी बीमारी होने पर वह जवान, उनकी पत्नी या बच्चों का इलाज योजना में शामिल अस्पतालों में करा सकते हैं।

स्वास्थ्य बीमा योजना के खास तथ्य:

बजट की कमी की वजह से भुगतान में देरी

जानकारी के अनुसार, पुलिस स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत पुलिस मुख्यालय द्वारा हर साल बजट जारी किया जाता है। लेकिन, बिलों के हिसाब से बजट कम होने के कारण करोड़ों रुपये के बिल अटक गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि वे इस मुद्दे को लेकर मंत्रालय से पत्राचार कर रहे हैं ताकि पर्याप्त बजट मिल सके और सभी का भुगतान किया जा सके।

स्वास्थ्य बीमा योजना का कार्यान्वयन

पुलिस स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत सभी पुलिस अधिकारियों और जवानों का इलाज कराया जा रहा है, और अस्पताल कैशलेस इलाज कर रहे हैं। अस्पतालों ने बिल जमा किए हैं, लेकिन कई पुलिस अधिकारियों और जवानों के बिल पेंडिंग हैं। पुलिस मुख्यालय को इस संबंध में जानकारी भेजी गई है, और जैसे ही राशि मिलती है, इन मामलों का समाधान किया जाएगा।

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