सुरेश रैना, जो उस टीम का हिस्सा थे, ने बताया कि कैसे धोनी की रणनीतियों ने भारत को जीत दिलाई। उन्होंने बताया कि कैसे ‘धोनी रिव्यू सिस्टम’ की शुरुआत हुई, जब धोनी ने सही समय पर डीआरएस लिया और गेंदबाजी के दौरान आक्रामक फील्ड सेट की। रैना ने कहा कि धोनी ने हमेशा टीम को आक्रमक तरीके से खेलने के लिए प्रेरित किया।
रैना ने जडेजा की गेंदबाजी की भी तारीफ की, जिन्होंने 36 रन देकर 5 विकेट लिए थे। रैना ने बताया कि धोनी को जडेजा की गेंदबाजी पर पूरा विश्वास था और वह जानते थे कि जडेजा को चुनौती देना विपक्षी टीम के लिए कठिन होगा।
रैना ने ये भी बताया कि टीम के पार्ट-टाइम गेंदबाजों का योगदान भी महत्वपूर्ण था। धोनी ने यह सुनिश्चित किया था कि हर खिलाड़ी अपने रोल को बखूबी निभाए, चाहे वह गेंदबाजी कर रहा हो या बल्लेबाजी।
इस तरह, एमएस धोनी की कप्तानी और उनकी रणनीतियों ने 2013 में भारत को ICC Champions Trophy का खिताब दिलवाया।