17 फरवरी को CPCB ने अपनी रिपोर्ट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को सौंप दी। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रयागराज में 9 से 21 जनवरी के बीच लिए गए 73 पानी के सैंपल्स में ज्यादातर जगहों पर पानी की गुणवत्ता स्नान योग्य नहीं पाई गई। रिपोर्ट में पानी की छह प्रमुख गुणवत्ता मापदंडों पर जांच की गई थी, जिसमें फीकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया की मात्रा अधिक पाई गई है।
इसके बावजूद, प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियों में गंगा की सफाई पर जोर दिया गया था। गंगा जल को शुद्ध करने के लिए जियो ट्यूब तकनीक के अस्थायी ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद गंगा जल आचमन योग्य नहीं हो पाया है। यह जानकारी प्रोजेक्ट मैनेजर विकास जैन ने दी।