जयपुर सहित विभिन्न जिलों में अधूरी योजनाएं
- जयपुर: झालाना में वन्यजीव प्रशिक्षण संस्थान पर काम शुरू नहीं हुआ, नाहरगढ़ जैविक उद्यान में वॉक इन एवेरी का काम अधूरा।
- कोटपूतली-बहरोड़: तीन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की डीपीआर तैयार नहीं हुई।
- अलवर: सरिस्का का ईको सेंसिटिव जोन घोषित नहीं हो पाया।
- भीलवाड़ा: हमीरगढ़ हवाई पट्टी पर फ्लाइंग ट्रेनिंग शुरू नहीं हुई।
- सीकर, चूरू: यमुना नदी से पानी लाने की डीपीआर तैयार नहीं हुई।
- दौसा: इंडस्ट्रियल हब के लिए जमीन आवंटन नहीं हुआ।
- डूंगरपुर: आदिवासी महापुरुषों के स्मारक बनाने की योजना अधूरी।
- खैरथल-तिजारा: भिवाड़ी-नीमराणा लिंक रोड की डीपीआर नहीं बनी।
- प्रतापगढ़: 132 केवी जीएसएस का निर्माण नहीं हुआ।
- पाली: पॉलिटेक्निक कॉलेज और मिल्क पाउडर प्लांट शुरू नहीं हुआ।
- भरतपुर: फ्लाईओवर का काम शुरू नहीं हुआ।
- उदयपुर: एलिवेटेड रोड का निर्माण कार्य लंबित।
- सलूम्बर: बाईपास स्टेट हाईवे के निर्माण की घोषणा पूरी नहीं हुई।
- ब्यावर: जिला आयुष अस्पताल और स्टोन मंडी पर काम शुरू नहीं हुआ।
- हनुमानगढ़: राजकीय नशा मुक्ति केंद्र शुरू नहीं हुआ।
- जोधपुर: औद्योगिक क्लस्टर की योजना अधूरी।
- फलोदी: खींचन संरक्षण क्षेत्र को ईको टूरिज्म साइट के रूप में विकसित करने का काम नहीं हुआ।
- बाड़मेर: 3000 हेक्टेयर में पेट्रो जोन का निर्माण अधूरा।
- श्रीगंगानगर: मिनी सचिवालय के लिए बजट आवंटन नहीं हुआ।
- करौली: हाई लेवल ब्रिज और बायपास का काम शुरू नहीं हुआ।
- झुंझुनूं: रिंग रोड और रोपवे का काम अधूरा।
- चित्तौड़गढ़: जाखम बांध की सिंचाई योजना पूरी नहीं हुई।
- नागौर: मेड़ता में पॉलिटेक्निक कॉलेज नहीं खुला।
- डीडवाना-कुचामन: पैनोरमा निर्माण अधूरा।
- बूंदी: भगवान केशव मंदिर का जीर्णोद्धार नहीं हुआ।
- अजमेर: राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और आयुर्वेद-योग यूनिवर्सिटी बनने की घोषणा पूरी नहीं हुई।
- कोटा: भामाशाह मंडी का विस्तार अधूरा।
- बीकानेर: रेलवे क्रॉसिंग पर आरओबी का निर्माण नहीं हुआ, ई-बस सेवा भी शुरू नहीं हुई।
- टोंक: दिव्यांग पुनर्वास केंद्र शुरू नहीं हुआ।
- सवाई माधोपुर: प्रोसेसिंग प्लांट और गणेश धाम रोपवे अधूरा।
- झालावाड़: सैटेलाइट अस्पताल को जिला अस्पताल में अपग्रेड करने की योजना लंबित।
- सिरोही: ईसबगोल प्रोसेसिंग प्लांट और जवाई पुल का जीर्णोद्धार अधूरा।
- जालोर: जालोर-झालावाड़ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का कार्य शुरू नहीं हुआ।
अब देखना होगा कि इस बजट में सरकार इन अधूरी योजनाओं को पूरा करने के लिए क्या कदम उठाती है।