विकास कार्यों में रुचि नहीं
- प्रभारी मंत्री को जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से तालमेल बनाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
- छिंदवाड़ा में कई विकास परियोजनाएं रुकी हुई हैं, लेकिन प्रभारी मंत्री की ओर से कोई पहल नहीं हुई।
- लोकसभा चुनाव के बाद से प्रदेश सरकार के किसी मंत्री ने जिले के विकास में रुचि नहीं दिखाई।
जिला योजना समिति की बैठक नहीं हुई
- दिसंबर 2022 में जिला योजना समिति बनी थी, लेकिन अब तक उसकी एक भी बैठक नहीं हुई।
- पिछली बैठक 2019 में तत्कालीन प्रभारी मंत्री सुखदेव पांसे ने ली थी।
- समिति की बैठक न होने से विकास योजनाओं पर असर पड़ रहा है।
रुचि होती तो बन जाता सांख का पुल
- पांच साल पहले बाढ़ में टूटा सांख-हलालखुर्द-साजपानी पुल आज तक नहीं बन सका।
- छिंदवाड़ा की सड़कें बदहाल हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही।
- अगर प्रभारी मंत्री रुचि लेते तो ये प्रोजेक्ट काफी पहले पूरे हो जाते।
कमलनाथ सरकार गिरने के बाद विकास प्रभावित
- मार्च 2020 में कमलनाथ सरकार गिरने के बाद छिंदवाड़ा में विकास कार्य ठप हो गए।
- विश्वविद्यालय, कृषि कॉलेज, जेल कॉम्प्लेक्स जैसे बड़े प्रोजेक्ट रुक गए।
- शिवराज सरकार के कार्यकाल में बजट कटौती हुई और कई टेंडर रद्द कर दिए गए।
- अब जब लोकसभा सांसद बंटी साहू और अमरवाड़ा विधायक कमलेश शाह भाजपा से हैं, तब भी तेजी से काम नहीं हो रहा।
क्या छिंदवाड़ा के दिन फिरेंगे?
प्रश्न यह है कि क्या सरकार जिले के विकास की ओर ध्यान देगी या छिंदवाड़ा की उपेक्षा जारी रहेगी?