Uber का नया मॉडल – क्या बदला है?
पहले Uber हर यात्रा पर 10-15% तक कमीशन लेता था, लेकिन अब यह पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। अब चालकों को सिर्फ एक निश्चित सब्सक्रिप्शन शुल्क देना होगा।
Uber के प्रवक्ता के अनुसार, अब इंडस्ट्री सब्सक्रिप्शन मॉडल की ओर बढ़ रही है, इसलिए कंपनी ने भी यही रास्ता अपनाने का फैसला किया है।
यात्रियों के लिए इसका क्या मतलब है?
- अब Uber किराए में दखल नहीं देगा। यात्रियों को ऑटो-रिक्शा चालकों से सीधे किराए पर बात करनी होगी।
- कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा अगर यात्री अपनी यात्रा रद्द करना चाहें।
- सुरक्षा के लिए Uber की सहायता सेवा पहले की तरह उपलब्ध रहेगी।
चालकों को क्या फायदा मिलेगा?
- आमदनी बढ़ेगी: अब 10-15% कमीशन नहीं कटेगा, जिससे चालक ज्यादा कमा सकेंगे।
- स्वतंत्रता: चालक अपने किराए खुद तय कर सकेंगे।
- कम प्रतियोगिता: Rapido और Namma Yatri जैसे अन्य प्लेटफॉर्म पहले ही यह मॉडल अपना चुके हैं, जिससे Uber के चालकों को फायदा होगा।
क्या कोई दिक्कत आ सकती है?
- किराए में पारदर्शिता की कमी: यात्री और चालक के बीच किराए को लेकर बहस हो सकती है।
- शुरुआती लागत बढ़ सकती है: क्योंकि चालकों को सब्सक्रिप्शन शुल्क देना होगा।
- डिजिटल भुगतान की सुविधा घटेगी: यात्रियों को ज्यादातर नकद में भुगतान करना पड़ सकता है।
भारत में राइड-हेलिंग इंडस्ट्री पर असर
- सरकार का हस्तक्षेप: कई राज्य सरकारें ऐप-आधारित कैब और ऑटो सेवाओं के लिए नए नियम बना रही हैं।
- बढ़ती प्रतिस्पर्धा: Ola और ONDC जैसे अन्य प्लेटफॉर्म भी इसी तरह के मॉडल अपना सकते हैं।
- कर नीति पर सवाल: Uber ने बताया कि वह इस सेवा पर कोई GST नहीं वसूलेगा, जिससे सरकार की टैक्स नीति पर असर पड़ सकता है।
क्या यह मॉडल सफल होगा?
Uber के इस फैसले से भारतीय ऑटो-रिक्शा बाजार में बड़ा बदलाव आ सकता है। अब यह देखना होगा कि यात्री और चालक इसे कितना जल्दी अपनाते हैं और सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।