वन क्षेत्र बढ़ाने पर जोर
राज्य सरकार ने 2025-26 के बजट में वन विभाग और सुंदरवन मामलों के लिए 1,091.11 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह राशि ग्रीन इंडिया मिशन, इको-टूरिज्म, वनीकरण, स्कूल नर्सरी कार्यक्रम और सबुजश्री योजना जैसी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद करेगी।
लाखों पौधे जनता को दिए गए
वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के अनुसार, 3,584.40 हेक्टेयर भूमि पर वनीकरण किया गया और 113.34 लाख पौधे जनता को वितरित किए गए। नवजात शिशुओं की माताओं को सबुजश्री योजना से जोड़ा गया, जिसमें नवंबर 2024 तक 64 लाख पौधे बांटे गए। इसके अलावा, प्रतिपूरक वनीकरण के तहत 131.48 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधे लगाए जा रहे हैं।
बाघ और गैंडे की संख्या बढ़ी
सरकार के मुताबिक, सुंदरवन में बाघों की संख्या बढ़ रही है, वहीं जलदापाड़ा क्षेत्र में गैंडों की आबादी में भी इजाफा हुआ है। गैंडों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उन्हें नए इलाकों में स्थानांतरित किया जा रहा है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए 107.22 करोड़ रुपये
राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए 107.22 करोड़ रुपये और सुंदरवन मामलों के लिए 631.55 करोड़ रुपये का बजट रखा है। इससे संवेदनशील क्षेत्रों में कनेक्टिविटी, आजीविका और पर्यावरण सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा। पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी के अनुसार, जंगलमहल क्षेत्र में अधिक पेड़ लगाए जाएंगे, जिससे वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।
प्राकृतिक आपदाओं से राहत की उम्मीद
सरकार ने नदी बंधन योजना के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिससे सुंदरवन के लोगों को प्राकृतिक आपदाओं से राहत मिलने की उम्मीद है। इस योजना के तहत बशीरहाट, संदेशखाली, हिंगलगंज, हसनाबाद, हरोआ और मिनाखा समेत 10 नदी क्षेत्रों में बांधों का निर्माण और मरम्मत की जाएगी।
“सुंदरवन बचेगा, तो लोग बचेंगे”
नदी बचाओ समिति के अध्यक्ष अजय बैन ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि अगर सुंदरवन सुरक्षित रहेगा, तो वहां रहने वाले लोग भी सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार से भी अपील की कि वह नदी चैनलों के संरक्षण के लिए और अधिक कदम उठाए।
इस बजट से सुंदरवन के लोगों को बेहतर जीवन जीने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने में बड़ी मदद मिलेगी।