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अनूठा मंदिर: आधा राजस्थान में, आधा हरियाणा में, जहां उल्टे शब्दों में लिखी गई गीता

खेतड़ी (झुंझुनूं): झुंझुनूं जिले के टीबा बसई गांव में स्थित रामेश्वरदास धाम देश के अनूठे मंदिरों में से एक है। इसका आधा हिस्सा राजस्थान में और आधा हरियाणा के ब्राह्मणवास गांव में स्थित है। इस कारण यहां दोनों राज्यों से हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं

विशेषताएं जो इसे अनोखा बनाती हैं

  • यह मंदिर दुग्धभागा नदी के किनारे स्थित है और धार्मिक व वास्तुकला की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
  • यहां मां अन्नपूर्णा, नव दुर्गा, लक्ष्मी, गणेश, शिव, हनुमान सहित सैकड़ों देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं।
  • मंदिर में नकद दान नहीं लिया जाता, बल्कि भक्तों को मिश्री और पौधों का प्रसाद दिया जाता है।
  • मंदिर की दीवारों पर हजारों तैलीय चित्र हैं, जिनमें देवी-देवताओं, ऋषियों, महात्माओं और शक्ति पीठों को दर्शाया गया है।
  • मंदिर की स्थापना बाबा रामेश्वरदास महाराज ने की थी और 1976 में इसके संचालन के लिए ट्रस्ट का गठन किया गया था।

विशाल प्रतिमाएं और भव्य निर्माण

  • 41 फीट ऊंची बजरंग बली की प्रतिमा मंदिर के मुख्य द्वार के सामने स्थापित है।
  • शिव मंदिर में 10 फीट का विशाल शिवलिंग है, जो इस क्षेत्र में सबसे बड़ा माना जाता है।
  • 21 फीट ऊंची हाथी और नंदी की प्रतिमाएं भी मंदिर परिसर में स्थित हैं।

विशेष आयोजन और श्रद्धालुओं की आस्था

  • हर साल रामनवमी पर यहां भव्य मेला लगता है और मार्गशीर्ष बदी अष्टमी को बाबा रामेश्वरदास की पुण्यतिथि मनाई जाती है।
  • पूरे साल यहां श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है

गीता के 18 अध्याय, जो उल्टे लिखे गए हैं

  • मंदिर के गीता भवन में श्रीमद्भागवत गीता के 18 अध्याय शीशे पर उल्टे शब्दों में उकेरे गए हैं
  • यह अनूठी कला बाहर से सीधे पढ़ी जा सकती है
  • इसे देखने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं

रामेश्वरदास धाम केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और कलात्मक दृष्टि से भी अद्वितीय स्थल है।

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