आगे का आंदोलन ऐसे होगा:
- 22 फरवरी: आधे घंटे का विरोध प्रदर्शन, अमानक दवाइयों की सांकेतिक होली जलाई जाएगी।
- 24 फरवरी: प्रदेशभर में सामूहिक उपवास और एक घंटे का प्रदर्शन।
- 25 फरवरी: उग्र आंदोलन शुरू होगा।
महत्वपूर्ण बात: सभी विरोध प्रदर्शनों के दौरान इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेंगी।
डॉक्टरों की प्रमुख मांगें:
- उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाए।
- प्रशासनिक हस्तक्षेप बंद किया जाए।
- 7वें वेतनमान और एनपीए के साथ मूल वेतन लागू किया जाए।
- समयमान वेतनमान के आदेश तुरंत लागू हों।
- स्वास्थ्य विभाग में डायरेक्टर जनरल के पद बनाए जाएं।
- सुप्रीम कोर्ट की नेशनल टास्क फोर्स की रिपोर्ट तुरंत लागू हो।
- चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त बजट मिले।
डॉक्टरों का कहना है कि उनकी मांगें डेढ़ साल से लंबित हैं और उच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसीलिए उन्हें अब आंदोलन का सहारा लेना पड़ रहा है।