Site icon Channel 009

नमी के कारण नई सरसों के दाम कम, पुरानी सरसों पर किसानों को ज्यादा फायदा

हिण्डौनसिटी: खेतों में सरसों की कटाई तेज होने से कृषि उपज मंडी में सरसों की आवक बढ़ गई है। कुछ ही दिनों में आवक 3 हजार कट्टा पार हो गई, जिससे मंडी यार्ड में सरसों की ढेरियां नजर आने लगी हैं। हालांकि, नई सरसों में ज्यादा नमी होने के कारण इसके दाम कम मिल रहे हैं, जबकि पुरानी सरसों की अच्छी कीमत मिल रही है

नई सरसों के भाव कम क्यों?

नई सरसों में नमी 15 से 35% तक पाई जा रही है, जो मानक से काफी ज्यादा है। नमी के कारण सरसों के तेल की सही मात्रा मापना मुश्किल हो जाता है। इसलिए मंडी में नई सरसों की गुणवत्ता हाथ से जांचकर नीलामी में तय की जा रही है। व्यापारी ज्यादा नमी वाली सरसों लेने से बच रहे हैं, क्योंकि भंडारण में यह जल्दी खराब हो सकती है

पुरानी सरसों को मिल रही अच्छी कीमत

पुरानी सरसों की कीमत 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल के करीब पहुंच गई है। इसकी गुणवत्ता तेल टेस्टिंग लैब में जांचने के बाद दाम तय किए जा रहे हैं। हर दिन मंडी में 1000 से 1200 कट्टा पुरानी सरसों आ रही है, जिसे ऑयल मिल वाले ज्यादा पसंद कर रहे हैं

मंडी में नई सरसों के दाम (फरवरी में)

तारीख आवक (क्विंटल) भाव (रुपए प्रति क्विंटल)
15 फरवरी 2060 5100-5800
17 फरवरी 2866 4900-5936
18 फरवरी 1484 4981-5726
19 फरवरी 2600 5036-5850
20 फरवरी 4000 5100-5900

व्यापारियों की राय

व्यापार संघ के महामंत्री सौरभ बंसल के अनुसार, नई सरसों में अधिक नमी होने से इसका भंडारण मुश्किल हो जाता है। नमी ज्यादा होने पर सरसों में फफूंदी लगने का खतरा रहता है, जिससे व्यापारी इसे खरीदने से बचते हैं।

व्यापारी संतोष बंडी भोला ने बताया कि पुरानी सरसों की मांग ज्यादा है और इसकी तेल की मात्रा लैब टेस्ट के आधार पर तय होती है

मंडी व्यापार संघ के अध्यक्ष महेश चंद गुप्ता का कहना है कि तापमान बढ़ने पर नमी कम होगी और तेल की सही मात्रा पता चलेगी। फिलहाल, कम नमी वाली सरसों के ही अच्छे दाम मिल रहे हैं

Exit mobile version