नई सरसों के भाव कम क्यों?
नई सरसों में नमी 15 से 35% तक पाई जा रही है, जो मानक से काफी ज्यादा है। नमी के कारण सरसों के तेल की सही मात्रा मापना मुश्किल हो जाता है। इसलिए मंडी में नई सरसों की गुणवत्ता हाथ से जांचकर नीलामी में तय की जा रही है। व्यापारी ज्यादा नमी वाली सरसों लेने से बच रहे हैं, क्योंकि भंडारण में यह जल्दी खराब हो सकती है।
पुरानी सरसों को मिल रही अच्छी कीमत
पुरानी सरसों की कीमत 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल के करीब पहुंच गई है। इसकी गुणवत्ता तेल टेस्टिंग लैब में जांचने के बाद दाम तय किए जा रहे हैं। हर दिन मंडी में 1000 से 1200 कट्टा पुरानी सरसों आ रही है, जिसे ऑयल मिल वाले ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
मंडी में नई सरसों के दाम (फरवरी में)
तारीख | आवक (क्विंटल) | भाव (रुपए प्रति क्विंटल) |
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15 फरवरी | 2060 | 5100-5800 |
17 फरवरी | 2866 | 4900-5936 |
18 फरवरी | 1484 | 4981-5726 |
19 फरवरी | 2600 | 5036-5850 |
20 फरवरी | 4000 | 5100-5900 |
व्यापारियों की राय
व्यापार संघ के महामंत्री सौरभ बंसल के अनुसार, नई सरसों में अधिक नमी होने से इसका भंडारण मुश्किल हो जाता है। नमी ज्यादा होने पर सरसों में फफूंदी लगने का खतरा रहता है, जिससे व्यापारी इसे खरीदने से बचते हैं।
व्यापारी संतोष बंडी भोला ने बताया कि पुरानी सरसों की मांग ज्यादा है और इसकी तेल की मात्रा लैब टेस्ट के आधार पर तय होती है।
मंडी व्यापार संघ के अध्यक्ष महेश चंद गुप्ता का कहना है कि तापमान बढ़ने पर नमी कम होगी और तेल की सही मात्रा पता चलेगी। फिलहाल, कम नमी वाली सरसों के ही अच्छे दाम मिल रहे हैं।