Rajasthan Good News : एक नवाचार। धरना-प्रदर्शन या आरोपी को पकड़ने गई पुलिस कई बार भीड़ का शिकार हो जाती है, ऐसी स्थिति में पुलिसकर्मी और अधिकारी न केवल चोटिल होते हैं बल्कि कई बार उनकी जान तक चली जाती है। ऐसी परिस्थिति का प्रारंभिक तौर पर मुकाबला करने के लिए पुलिसकर्मियों को गैर घातक हथियारों (नोन लीथल वैपन्स) मिर्ची स्प्रे और मिर्ची बम का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे कानून व्यवस्था बनाए रखते हुए खुद को महफूज रख सकें। इसमें मिर्ची स्प्रे, मिर्ची बम, गैस गन, गैस ग्रेनेड इत्यादि चलना और उपयोग करना सिखाया जा रहा।
पुलिस अधिकारियों को किया जा रहा पारंगत
आमतौर पर विकट परिस्थितियों में पुलिस की गैस पार्टी के पास यह जिम्मेदारी रहती है। गैस पार्टी में शामिल पुलिसकर्मियों के पास गैस गन और ग्रेनेड जैसे गैर घातक हथियार होते हैं। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए अश्रु गैस के गोले और ग्रेनेड इत्यादि फैंकते हैं। लेकिन, पुलिस अधिकारी खुद यह हथियार चलाना नहीं जानते और गैस पार्टी पर निर्भर रहते हैं। कई बार भीड़ को नियंत्रित करने के दौरान पुलिस अधिकारी खुद घिर जाते हैं और उनके आस-पास बचाने वाला कोई नहीं होता। ऐसे विकट हालात से बचने के लिए पुलिस अधिकारियों को पारंगत किया जा रहा है।
भीड़ यों हो जाती है उन्मादी
17 मार्च 2011 – सवाईमाधोपुर के सूरवाल गांव में भीड़ उन्मादी हो गई और थानाधिकारी फूल मोहम्मद को जिंदा जला दिया।
13 जुलाई 2024 – जयपुर में बदमाशों को पकड़ने ठिकरिया मीनान गांव गई पुलिस टीम पर गैंग के साथियों व परिवार के लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया। वे आरोपियों को छुड़ा ले गए।
ये होगा फायदा
1- पुलिसकर्मी खुद को महफूज रख सकेंगे।
2- हमलों की घटनाओं पर लगाया जा सकता है अंकुश।
3- गैर घातक हथियारों के उपयोग की जानकारी होगी।
4- भीड़ पर कब कौनसा हथियार काम में लेना है समझ विकसित होगी।
5- अकेले भी कुछ समय के लिए भीड़ का मुकाबला करने में सक्षम होंगे।
व्यवस्था बनाए में महत्वपूर्ण साबित होगा
एडीजी लॉ एण्ड ऑडर के निर्देश पर हैडकांस्टेबल से लेकर उप अधीक्षक स्तक के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह कानून व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
नरेन्द्रसिंह देवड़ा, एएसपी, प्रशिक्षण प्रभारी, पाली