लंबा रास्ता तय करना पड़ता है
स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचने का एक मुख्य मार्ग है, लेकिन वह रास्ता 8 किलोमीटर लंबा है। इस वजह से ग्रामीण नदी पार करने वाले छोटे रास्ते का इस्तेमाल करते हैं। बारिश के समय यह रास्ता बंद हो जाता है, जिससे कोठी, क्योटार, बहेरा बांध, जलसार, सजाटोला, बेलगांव और बछौली गांवों के लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी होती है।
ग्रामीणों की पुल की मांग
ग्रामीण लंबे समय से पुल बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक इसकी मंजूरी नहीं मिली है। उन्होंने कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल से भी पुल बनाने की गुहार लगाई थी। खासतौर पर बारिश के दिनों में नदी में पानी का बहाव तेज होने से 8 किलोमीटर लंबा चक्कर लगाना पड़ता है।
मरीजों को होती है सबसे ज्यादा दिक्कत
नदी पर पुल न होने से मरीजों को अस्पताल ले जाना सबसे मुश्किल होता है। हाल ही में ग्राम पंचायत क्योटार के अशोक कुमार द्विवेदी के पैर में चोट लग गई थी। उनके परिजनों को उन्हें बाइक से ले जाने में दिक्कत हुई और नदी के पास उन्हें कंधे के सहारे पार कराना पड़ा। इसी तरह गंगा यादव नामक ग्रामीण को भी बीमारी के दौरान नदी पार कर अस्पताल ले जाना पड़ा, जहां उनके परिजन को बाइक धक्का देकर बाहर निकालनी पड़ी।
जनपद अध्यक्ष ने दिया आश्वासन
जनपद अध्यक्ष जीवन सिंह ने कहा कि उन्हें ग्रामीणों की समस्या की जानकारी है और आगामी बैठक में पुल निर्माण की योजना शामिल की जाएगी।