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करह आश्रम पर भक्ति की लहर: भंडारे में 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने पाई प्रसादी

मुरैना: करह आश्रम में पटिया वाले बाबा की वर्षी के उपलक्ष्य में सात दिन तक चलने वाला सिय-पिय मिलन समारोह गुरुवार को संपन्न हुआ।

  • समापन के दिन भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और भंडारे में प्रसादी ग्रहण की।
  • मंदिर से जुड़े संतों के अनुसार, 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की।
  • सुबह 11 बजे साधु-संतों की पहली पंगत बैठी, जिसमें 40 हजार से ज्यादा साधु-संत शामिल हुए।

भंडारे में बना इतना भोजन

भंडारे में विशाल मात्रा में प्रसाद तैयार किया गया:

  • 1000 क्विंटल आटा
  • 400 क्विंटल गुड़ (मालपुआ बनाने के लिए)
  • 400 क्विंटल दूध
  • 200 क्विंटल चावल (खीर के लिए)
  • 100 क्विंटल बेसन (बूंदी के लिए)
  • 200 क्विंटल शक्कर
  • 3500 टीन घी

भंडारे की खास व्यवस्था

  • करह आश्रम के आसपास 50 गांवों को भंडारे की जिम्मेदारी सौंपी गई।
  • हर 4-5 गांवों का एक समूह अलग-अलग भोजन परोसता है।
  • भोजन परोसने के लिए पहले से ट्रॉलियों में खीर, बूंदी, सब्जी भरकर रखी जाती हैं।
  • महावीर दास महाराज और रामवीर दास ने बताया कि पूरे सात दिन तक धार्मिक आयोजन चलते रहे।

अखंड रामधुन और दर्शन

  • करह आश्रम में अखंड रामधुन लगातार जारी है।
  • श्रद्धालु रामधुन में शामिल होकर आध्यात्मिक आनंद ले रहे हैं।
  • मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी रामधुन में भाग लिया।

सुरक्षा और पार्किंग की व्यवस्था

  • अंतिम दिन 500 से ज्यादा पुलिस अधिकारी और जवान सुरक्षा में तैनात रहे।
  • पुलिस अधीक्षक सहित कई बड़े अधिकारी व्यवस्था संभालने पहुंचे।
  • श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अलग-अलग पार्किंग स्पॉट बनाए गए।
    • चार पहिया वाहनों के लिए सीतापुर इंडस्ट्रियल एरिया तिराहे पर पार्किंग।
    • दो पहिया वाहनों के लिए पुलिस चौकी के पीछे मैदान में पार्किंग।

सरयू कुंआ की मान्यता

  • मंदिर परिसर में एक प्राचीन कुंआ है, जिसे सरयू कहा जाता है।
  • मान्यता है कि पटिया वाले बाबा के समय जब भंडारे में घी कम पड़ गया था, तो उन्होंने इस सरयू जल से मालपुए बनाए।
  • इस जल को चमत्कारी माना जाता है, कहा जाता है कि इसका सेवन करने से जहरीले जीव-जंतुओं के काटने का असर खत्म हो जाता है।

भंडारे में शामिल हुए लाखों श्रद्धालु

  • 5 लाख से अधिक लोगों ने प्रसादी ग्रहण की।
  • 1000 क्विंटल से ज्यादा आटा लगा।
  • 400 क्विंटल गुड़ और 400 क्विंटल दूध का उपयोग हुआ।
  • 3500 टीन घी और 200 क्विंटल चावल से प्रसाद तैयार किया गया।
  • 500 से अधिक पुलिस अधिकारी और जवान सुरक्षा में तैनात रहे।

करह आश्रम में हर साल इस भव्य आयोजन में देशभर से श्रद्धालु आते हैं और भक्ति में लीन होते हैं।

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