क्यों हो रही परेशानी?
सीबीईओ सुवाणा डॉ. रामेश्वर जीनगर ने बताया कि जिले की 116 निजी स्कूलों को चार दिन में अपार आईडी बनाने के निर्देश दिए गए हैं, वरना उनकी मान्यता रद्द की जा सकती है। लेकिन दस्तावेजों में गड़बड़ी के कारण आईडी नहीं बन पा रही है, जैसे:
- जन्म तिथि में अंतर
- आधार कार्ड में नाम की गलत स्पेलिंग
- अंग्रेजी के शब्दों में गलतियां
शिविर में 40 से अधिक स्कूलों के प्रबंधकों ने भाग लिया और अपनी समस्याओं का समाधान किया।
क्या है अपार आईडी?
- यह 12 अंकों का कोड होता है, जो विद्यार्थी के आधार से लिंक रहेगा।
- सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों की आईडी बनाई जा रही है।
- नर्सरी से कक्षा 12 तक के सभी बच्चों के लिए यह आईडी अनिवार्य होगी।
कैसे बनेगी अपार आईडी?
- विद्यार्थी का नाम, माता-पिता का नाम, जन्म तिथि, जेंडर और आधार नंबर दर्ज किया जाएगा।
- चाइल्ड प्रोफाइल एंट्री के बाद आधार सत्यापन होगा।
- अभिभावक की सहमति और दस्तावेजों के सत्यापन के बाद स्कूल का प्रभारी शिक्षक यूडाइस पोर्टल से आईडी जनरेट करेगा।
शिक्षा विभाग ने स्कूलों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपने विद्यार्थियों की आईडी बनवाएं, ताकि कोई परेशानी न हो।