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रामलाल जाट के खिलाफ CBI जांच पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे रामलाल जाट और एडीजी आनंद श्रीवास्तव के भाई अरविंद श्रीवास्तव के खिलाफ CBI जांच के आदेश दिए थे। लेकिन, अब राजस्थान सरकार इस फैसले को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए चार हफ्ते बाद सुनवाई करने का फैसला किया है।

क्या है मामला?

भीलवाड़ा जिले के करेड़ा थाने में खान से मशीन चोरी के दो मामले दर्ज हुए थे। हाईकोर्ट ने इन मामलों की जांच CBI को सौंपने का आदेश दिया था।

CBI जांच क्यों दी गई?

हाईकोर्ट ने कहा कि जब मामले में राजनेता और बड़े अधिकारी शामिल हों, तो राज्य की पुलिस से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती। इसलिए, इस केस की जांच CBI को दी जानी जरूरी है।

राज्य सरकार का पक्ष

राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हाईकोर्ट ने बिना पुख्ता सबूतों के पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाया है। सरकार का दावा है कि पुलिस निष्पक्ष जांच कर रही है और CBI को जांच सौंपना जरूरी नहीं है।

CBI जांच के पक्ष में क्या दलील दी गई?

शिकायतकर्ता परमेश्वर रामलाल जोशी के वकील ने कहा कि राजनीतिक प्रभाव के चलते पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं कर रही। इसलिए CBI जांच जरूरी है।

मामले का पूरा विवरण

  • कारोबारी परमेश्वर जोशी ने 2009 में खदान के लिए जमीन खरीदी और 2011 में ब्लैक माउंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई।
  • 2014 तक तीनों खानों में खनन शुरू हो गया।
  • 2018 में साझेदारी को लेकर विवाद हुआ, जिसमें एक IPS अधिकारी के करीबी भी शामिल हो गए।
  • इसी बीच, कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे रामलाल जाट की परिवार के लोग भी खनन कारोबार में आ गए
  • पुलिस ने मामले की जांच कर एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगा दी थी, जिससे मामला खत्म हो गया।

अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले की चार हफ्ते बाद फिर से सुनवाई करेगा और तय करेगा कि CBI जांच होगी या नहीं।

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