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फार्मेसी काउंसिल में फर्जी दस्तावेजों से रजिस्ट्रेशन: एक ही सत्र में डी-फार्मेसी के फर्स्ट और सेकेंड ईयर में पढ़ा स्टूडेंट, दूसरे ने 12वीं से पहले कर लिया डिप्लोमा

राजस्थान फार्मेसी काउंसिल में एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्रेशन किया गया था। इस मामले में ओपीजेएस यूनिवर्सिटी की डिग्रियां भी शामिल हैं। चिकित्सा विभाग की जांच में 101 अभ्यर्थियों के दस्तावेज फर्जी पाए गए थे।

फर्जी दस्तावेजों की जांच के दौरान, काउंसिल के अधिकारी विभागीय सामग्री के संबंध में मिलीभगत करके बड़ी संख्या में रजिस्ट्रेशन कर दिए थे।

इस दौरान अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जाती, लेकिन फर्जी दस्तावेज आसानी से पकड़ में आ सकते थे।

एक ऐसे अभ्यर्थी का काउंसिल ने रजिस्ट्रेशन किया जो एक ही साल में डी-फार्मेसी के प्रथम और द्वितीय वर्ष में पढ़ाई कर रहा था।

इसके अलावा, एक मामले में एक छात्र को डी-फार्मेसी का डिप्लोमा पहले मिलने और फिर 12वीं के बाद पास करने का आरोप लगा है।

यह सभी मामले गंभीर हैं और सरकार ने इस पर जांच का निर्देश दिया है। इसके साथ ही, रजिस्ट्रार के पद पर नए नियुक्तियाँ की भी हुई हैं।

इस संबंध में पुलिस जांच कर रही है और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें आवश्यक दस्तावेज प्रदान किए जाएंगे।

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