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वेवर महादेव मंदिर: 500 साल पुराना चमत्कारी शिवधाम

राजस्थान: महाशिवरात्रि का पर्व हर साल धूमधाम से मनाया जाता है, और वेवर महादेव मंदिर, आमेट में यह उत्सव 7 दिनों तक चलता है। यह मंदिर 500 साल पुराना है और यहां के चमत्कारों की मान्यता दूर-दूर तक फैली हुई है।

महाशिवरात्रि उत्सव के खास आयोजन

  • पहले दिन: भगवान शिव के विवाह का आयोजन हुआ, जिसमें कलश (घट) और तलवार की स्थापना की गई।
  • दूसरे दिन: महिलाओं ने भगवान शिव की हल्दी रस्म पूरी की और मंगल गीत गाए।
  • तीसरे दिन: शिवलिंग का भांग से श्रृंगार किया गया।
  • महाशिवरात्रि के दूसरे दिन चंद्रभागा नदी के किनारे बड़ा मेला आयोजित किया जाता है।

वेवर महादेव मंदिर का इतिहास

  • इस मंदिर की स्थापना 500 साल पहले महाराणा भीम सिंह मेवाड़ ने की थी।
  • मंदिर में पहले 9 यज्ञ धूनी बनाई गई थीं, जिनमें से अब 4 धूनी अभी भी मौजूद हैं।
  • मंदिर परिसर में भैरूजी, माताजी और हनुमानजी के मंदिर भी स्थापित हैं।
  • पहले इसे भीमाशंकर महादेव के नाम से जाना जाता था, लेकिन वेवर माताजी के चमत्कारों से प्रभावित होकर इसका नाम वेवर महादेव पड़ गया।

भव्य शोभायात्रा और मेला

  • 1996 में पहली बार मंदिर समिति के तहत भव्य शोभायात्रा निकाली गई।
  • इस शोभायात्रा में गैर नृत्य, भिनमाल ढोल, हाथी-घोड़े, ऊंटगाड़ी, शाही बग्गी और कई झांकियां शामिल की गईं।
  • 2018 में नगरपालिका द्वारा इस आयोजन को और भव्य बनाने के लिए 10 लाख रुपये का बजट मंजूर किया गया।
  • महाशिवरात्रि के दूसरे दिन मंदिर समिति और नगरपालिका मिलकर मेले का आयोजन करते हैं।

मंदिर का धार्मिक महत्व

  • मंदिर के अंदर भैरूजी बावजी मंदिर से एक गुफा निकलती है, जो अरावली पहाड़ियों में स्थित हीम माता मंदिर तक जाती है।
  • यह शिवालय चमत्कारी माना जाता है, और श्रद्धालु यहां अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए यज्ञ, हवन और अभिषेक करवाते हैं।
  • श्रावण मास में कांवड़ यात्रा भी निकाली जाती है, जिसमें बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते हैं।

वेवर महादेव मंदिर आस्था, चमत्कार और भव्य आयोजन का केंद्र बन चुका है, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने आते हैं।

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