अतिक्रमण के मामले तेजी से बढ़े
- 2021-22 में वन भूमि पर 39 अतिक्रमण के मामले थे।
- 2022-23 में यह संख्या घटकर 19 रह गई, क्योंकि उस समय कार्रवाई कड़ी थी।
- 2023-24 में फिर से 176 मामले सामने आए, जिसमें 134.48 हैक्टेयर भूमि पर अवैध कब्जा किया गया।
किन इलाकों में सबसे ज्यादा कब्जे?
- लाडपुरा रेंज में सबसे अधिक अतिक्रमण के मामले सामने आए।
- शहर के अनंतपुरा, अनंतपुरा तालाब, आंवली-रोजड़ी, बंधा धर्मपुरा जैसी जगहों पर सैकड़ों बीघा सरकारी जमीन पर कब्जा हो चुका है।
प्रभावशाली लोगों की नजर वन भूमि पर
शहरीकरण के कारण अब वन भूमि बहुत कीमती हो गई है, इसलिए प्रभावशाली लोग भी कब्जा कर रहे हैं।
- कुछ लोगों ने फार्म हाउस बना लिए हैं।
- कुछ ने कच्ची दीवारें बनाकर खेती शुरू कर दी है।
- पूर्व में कांग्रेस नेता अमीन पठान की अवैध क्रिकेट अकादमी और फार्म हाउस को तोड़कर वन विभाग ने कब्जा वापस लिया था।
वन विभाग की कार्रवाई में अड़चनें
- वन विभाग ने कई बार अतिक्रमण हटाने की कोशिश की, लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण दिक्कतें आईं।
- हाल ही में आंवली-रोजड़ी में वन विभाग की टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची, लेकिन भाजपा के एक नेता ने विरोध किया, जिससे टीम को लौटना पड़ा।
वन विभाग का बयान
वन संरक्षक सोनल जोरिहार ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के लिए सख्त कार्रवाई होगी और अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
कोटा में वन भूमि पर अतिक्रमण के आंकड़े (हैक्टेयर में)
वर्ष | अतिक्रमण के मामले | कब्जा की गई जमीन (हैक्टेयर) |
---|---|---|
2019-20 | 221 | 87.405 |
2020-21 | 205 | 138.195 |
2021-22 | 39 | 7.609 |
2022-23 | 19 | 15.162 |
2023-24 | 176 | 134.548 |
वन विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है, लेकिन भू-माफिया पर पूरी तरह लगाम लगाना अभी भी चुनौती बना हुआ है।