कब हो सकता है निकायों का भंग होना?
राजस्थान नगर पालिका एक्ट के तहत सिर्फ दो स्थितियों में किसी नगर निकाय को भंग किया जा सकता है:
- यदि नगरपालिका अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहे।
- यदि उसके सदस्यों की संख्या दो-तिहाई से कम हो जाए।
सरकार को निकाय भंग करने से पहले नोटिस देना और सुनवाई करनी होगी। फिलहाल इन 91 निकायों में ऐसी कोई स्थिति नहीं है।
क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?
पूर्व विधि परामर्शी अशोक सिंह के अनुसार, नगरपालिका एक्ट की धारा 322 के तहत सीमित स्थितियों में ही बोर्ड भंग किया जा सकता है। साथ ही, धारा 7 के अनुसार नगर पालिकाओं का कार्यकाल 5 साल तय किया गया है। इसलिए इन निकायों को तुरंत भंग करना मुश्किल होगा।
किन निकायों को भंग करने की जरूरत पड़ेगी?
1. नगर निगम:
- अजमेर
- भीलवाड़ा
2. नगर परिषद:
- किशनगढ़, केकड़ी, नागौर, कुचामनसिटी, शाहपुरा, सुजानगढ़, सरदारशहर, फतेहपुर शेखावाटी, बूंदी, झालावाड़, सलूम्बर, प्रतापगढ़, राजसमंद, डूंगरपुर, सांचौर
3. नगर पालिका:
- विजयनगर, सरवाड़, टोडारायसिंह, मालपुरा, निवाई, देवली, उनियारा, लाडनूं, परबतसर, नावा, मेड़तासिटी, कुचेरा, मूण्डवा, डेगाना, जहाजपुर, माण्डलगढ़, गंगापुर, आसीन्द, गुलाबपुरा, नोखा, देशनोक, श्रीडूंगरगढ़, रतनगढ़, छापर, बीदासर, रतननगर, तारानगर, राजलदेसर, संगरिया, नोहर, भादरा, रावतसर, पीलीबंगा, लक्ष्मणगढ़, रामगढ़ शेखावाटी, श्रीमाधोपुर, खण्डेला, रींगस, लोसल, नवलगढ़, चिड़ावा, बग्गड़, खेतड़ी, मुकुन्दगढ़, सूरजगढ़, उदयपुरवाटी, पोकरण, सोजतसिटी, सादड़ी, बाली, तखतगढ़, रानीखुर्द, खुडाला-फालना स्टेशन, जैतारण, लाखेरी, केशोरायपाटन, नैनवां, कापरेन, इन्द्रगढ़, भवानीमण्डी, पिडावा, अकलेरा, झालरापाटन, फतेहनगर, भीण्डर, कुशलगढ़, कपासन, बेंगू, बड़ीसादड़ी, छोटीसादड़ी, देवगढ़, सागवाडा।
राजस्थान में कुल नगरीय निकाय कितने हैं?
- नगर निगम: 13
- नगर परिषद: 54
- नगर पालिका: 238
किन जगहों पर प्रशासक नियुक्त हैं?
1. नगर निगम (5 जगह):
- अलवर, भरतपुर, पाली, बीकानेर, उदयपुर
2. नगर परिषद (18 जगह)
3. नगर पालिका (88 जगह)
अब क्या होगा?
सरकार सभी 305 निकायों के एक साथ चुनाव कराने के लिए समाधान खोज रही है। लेकिन 91 निकायों को भंग करने में कानूनी चुनौतियां और राजनीतिक विवाद हो सकते हैं। अब देखना होगा कि सरकार इस पेच को कैसे सुलझाती है।