मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ओपी जुगतावत ने बताया कि 9 माह से 5 साल तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक देना बहुत जरूरी है। इससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, संक्रमण, कुपोषण और बीमारियों से बचाव होता है, त्वचा और आंखें स्वस्थ रहती हैं और एनीमिया व रतौंधी से बचाव होता है।
स्वास्थ्य विभाग की पहल
- बच्चों को मीजल्स और दस्त रोग से बचाने के लिए विटामिन-ए की खुराक दी जा रही है।
- स्वास्थ्य टीमें आंगनबाड़ी केंद्रों और स्वास्थ्य संस्थानों में बच्चों को यह दवा पिलाने का काम कर रही हैं।
- महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग मिलकर बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए काम कर रहे हैं।
- बच्चों की जानकारी पोर्टल पर दर्ज की जा रही है और एनीमिया से प्रभावित बच्चों का नियमित फॉलोअप किया जा रहा है।
18 फरवरी से 18 मार्च तक चलने वाला अभियान
- इस दौरान 9 माह से 5 साल तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक दी जाएगी।
- 9 माह से 1 साल तक के बच्चों को 1 एमएल और 1 से 5 साल तक के बच्चों को 2 एमएल खुराक दी जा रही है।
- पालकों से अपील की गई है कि वे इस अभियान में सहयोग करें और अपने बच्चों की सेहत की जांच जरूर करवाएं।
यह अभियान बच्चों के स्वास्थ्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।