वर्तमान पैकेज और बढ़ाने की योजना
- वर्तमान में:
- APL (सामान्य परिवार) – ₹50,000 सालाना
- BPL (गरीब परिवार) – ₹5 लाख सालाना
- घोषित योजना:
- APL – ₹5 लाख सालाना
- BPL – ₹10 लाख सालाना
सरकार अगर इस योजना का पैकेज बढ़ाती है तो उसे हर साल करोड़ों रुपए का अतिरिक्त खर्च करना होगा। अधिकारियों के अनुसार, 3 मार्च के बजट में इसकी घोषणा हो सकती है। यदि पैकेज बढ़ता है, तो बोन मेरो ट्रांसप्लांट, किडनी ट्रांसप्लांट और बायपास सर्जरी जैसी बड़ी बीमारियों के इलाज में लोगों को आसानी होगी।
फिलहाल क्या हो रहा है?
- लिवर ट्रांसप्लांट के लिए अलग योजना
- इसके लिए मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना का उपयोग किया जाता है।
- पिछले साल इसमें ₹20 लाख से बढ़ाकर ₹25 लाख तक की मदद दी गई थी।
- राज्य में 44 लाख BPL और 10 लाख APL परिवार आयुष्मान योजना से लाभान्वित हो रहे हैं।
- यह योजना मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, सीएचसी और निजी अस्पतालों में लागू है।
- बड़ी सर्जरी जैसे किडनी, लिवर और बोन मेरो ट्रांसप्लांट केवल बड़े निजी अस्पतालों में हो रही है।
निजी अस्पतालों में अनियमितता
कुछ निजी अस्पतालों ने आयुष्मान कार्ड का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया है। इसे ATM कार्ड की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। इसलिए, स्वास्थ्य विभाग की टीमें छापेमारी कर रही हैं, लेकिन अब भी यह समस्या बनी हुई है।
योजना की संक्षिप्त जानकारी
- कुल ई-कार्ड बने: 2.34 करोड़ (सितंबर 2018 से)
- कुल लाभार्थी: 38.4 लाख
- कुल क्लेम: 66.87 लाख
- कुल सरकारी और निजी अस्पताल: 1,587
महत्वपूर्ण इलाज के लिए पैकेज
- बोन मेरो ट्रांसप्लांट: ₹4.5 लाख से ₹18 लाख
- लिवर ट्रांसप्लांट: ₹18 लाख (इसके लिए मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना जरूरी)
- बायपास सर्जरी: ₹1.5 लाख से ₹2 लाख
- किडनी ट्रांसप्लांट: ₹2.5 लाख से ₹3 लाख
सरकारी अस्पतालों में ये ट्रांसप्लांट नहीं हो रहे हैं, सिर्फ निजी अस्पतालों में ये सुविधाएं दी जा रही हैं। हालांकि, एम्स में किडनी ट्रांसप्लांट हो रहा है और डीकेएस में इसे शुरू करने की योजना है।
निष्कर्ष
लोगों को आयुष्मान भारत योजना के पैकेज बढ़ने का इंतजार है ताकि वे महंगी बीमारियों का इलाज मुफ्त में करा सकें। सरकार इस पर जल्द फैसला ले सकती है, लेकिन अभी तक इलाज पुराने पैकेज के अनुसार ही हो रहा है।