कांग्रेस का धरना, सदन का बायकॉट
कांग्रेस ने इंदिरा गांधी पर की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में सदन का बायकॉट कर दिया और विधानसभा के पश्चिमी गेट पर धरना दिया। धरने में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली समेत कई विधायक शामिल हुए।
धक्का-मुक्की और निलंबित विधायकों की एंट्री रोकने पर हंगामा
- कांग्रेस विधायक हाकम अली, जाकिर हुसैन गैसावत और संजय जाटव जबरन सदन में जाने की कोशिश कर रहे थे।
- सुरक्षाकर्मियों ने रोका, तो दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की हो गई।
- वरिष्ठ विधायक राजेंद्र पारीक ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया।
- कांग्रेस ने सरकार और स्पीकर पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
गहलोत बोले – स्पीकर को इगो छोड़नी चाहिए
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि स्पीकर पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रहे हैं और सरकार तानाशाही कर रही है। उन्होंने कहा कि –
- “स्पीकर मंत्रियों को बचाने में लगे हैं।”
- “इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी पर मंत्री को माफी मांगनी चाहिए।”
- “फोन टैपिंग मामले में सरकार चुप क्यों है?”
डोटासरा का तंज – “क्या मैं गाजर-मूली हूं?”
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने संसदीय कार्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा –
- “क्या मैं गाजर-मूली हूं, जो तोड़कर खा जाओगे?”
- “सरकार के अंदर ही मतभेद हैं, लेकिन माफी मांगने की सहमति सिर्फ मंत्री के लिए बनी थी, मेरे लिए नहीं।”
सचिन पायलट का सवाल – “काहे का समझौता?”
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा –
- “हमारे नेताओं ने खेद जताया, लेकिन मंत्री ने बयान वापस नहीं लिया, स्पीकर ने कार्यवाही से नहीं हटाया।”
- “तो यह कैसा समझौता?”
कैसे शुरू हुआ विवाद?
- 21 फरवरी को मंत्री अविनाश गहलोत ने इंदिरा गांधी पर एक टिप्पणी की।
- उन्होंने कहा – “आपकी दादी के नाम पर योजना का नाम रखा गया था।”
- कांग्रेस ने इसे अपमानजनक बताया और हंगामा किया।
- स्पीकर ने 6 कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर दिया।
अब क्या होगा?
कांग्रेस का विरोध जारी है, और जब तक मंत्री माफी नहीं मांगते, तब तक कांग्रेस सदन में नहीं लौटेगी। सरकार और विपक्ष के बीच यह टकराव फिलहाल और बढ़ता ही दिख रहा है।