सदन में हंगामा और स्पीकर की भावुक प्रतिक्रिया
पांच दिन से जारी गतिरोध के बीच निलंबित कांग्रेस विधायक जबरन सदन में घुसने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया, जिससे तीखी झड़प हो गई। कांग्रेस के बायकॉट के बाद विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी भावुक हो गए और उनकी आंखों में आंसू आ गए।
उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा निष्पक्षता से काम किया है, लेकिन जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया, उससे मैं आहत हूं। ऐसे सदस्य सदन में रहने लायक नहीं हैं।” स्पीकर ने यह भी घोषणा की कि अब यदि कोई सदस्य सदन की गरिमा भंग करेगा, तो वह स्वतः निलंबित माना जाएगा।
क्या है विवाद की वजह?
21 फरवरी को मंत्री अविनाश गहलोत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर एक टिप्पणी की, जिसे कांग्रेस ने अपमानजनक बताया। इसके विरोध में कांग्रेस ने हंगामा किया और स्पीकर की टेबल तक पहुंचकर विरोध जताया। इसके बाद स्पीकर ने कांग्रेस के छह विधायकों को निलंबित कर दिया।
निलंबित विधायकों में गोविंद सिंह डोटासरा, रामकेश मीणा, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन गैसावत, हाकम अली खान और संजय कुमार शामिल हैं।
डोटासरा की सदस्यता रद्द करने की मांग
भाजपा विधायकों ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की सदस्यता रद्द करने की मांग उठाई। उनका कहना था कि अगर कोई सदस्य बार-बार सदन की गरिमा भंग करता है, तो उसकी सदस्यता पर पुनर्विचार होना चाहिए।
मुख्यमंत्री की स्पीकर से मुलाकात
स्पीकर देवनानी के भावुक होने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा उनके चेंबर में पहुंचे और इस मुद्दे पर चर्चा की। उनके साथ भाजपा के कई विधायक और मंत्री भी मौजूद थे।
कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर विधानसभा का बहिष्कार किया और पश्चिमी गेट पर धरना दिया। धरने में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट, गोविंद सिंह डोटासरा और अन्य कांग्रेस विधायक शामिल हुए। प्रदर्शन के दौरान “इंदिरा गांधी का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान” के नारे लगाए गए।
अभी क्या होगा आगे?
अब देखना होगा कि यह विवाद कैसे सुलझता है और विधानसभा में सुचारू रूप से कार्यवाही कब शुरू हो पाती है।