गाड़ियों को छिपाने के अनोखे तरीके
आरोपी हाड़ौती, भीलवाड़ा और एमपी बॉर्डर से गाड़ियां चुराते थे। चोरी के बाद वे बाइकों को झाड़ियों में छुपा देते या नदी-नालों के पास जमीन में गाड़ देते। इसके अलावा, गाड़ियों की नंबर प्लेट और रंग बदल देते थे, ताकि पुलिस उन्हें पकड़ न सके।
संयुक्त पुलिस कार्रवाई में गैंग पकड़ी गई
कोतवाली और सदर थाना पुलिस ने जिला स्पेशल टीम के साथ मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस दौरान दो गैंग के 11 सदस्य गिरफ्तार किए गए।
पहला गिरोह:
- भोपाल्या (राजगढ़, एमपी) – 10 हजार का इनामी बदमाश
- बंटी (कलमंडी खुर्द)
- मोहन उर्फ मोहनिया (जरेल)
- कालू (तीतरवासा)
- रामेश्वर (बिरियाखेड़ी)
- सुरेश (बिरियाखेड़ी)
दूसरा गिरोह:
- प्रदीप सिंह (पटपड़िया)
- विक्रम सिंह (पटपड़िया)
- तौसिफ उर्फ राजा (बिरियाखेड़ी)
चोरी के वाहन खरीदने वाले:
- शुभम शर्मा (कनवाड़ा)
- देवकरण गुर्जर (सालरिया)
पुलिस का बयान
पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर ने बताया कि भोपाल्या कई बड़ी चोरी के मामलों में वांछित था। यह गैंग लंबे समय से सक्रिय थी और पुलिस से बचने के लिए नए-नए तरीके अपनाती थी। फिलहाल, सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ जारी है।