शिवालयों में विशेष पूजा और अभिषेक
- सुबह ब्रह्म मुहूर्त में मंदिरों के पट खुलते ही भक्त शिवलिंग का जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक करेंगे।
- पंचामृत अभिषेक के साथ प्रयागराज और हरिद्वार से लाया गया पवित्र जल चढ़ाया जाएगा।
- मंदिरों में चार प्रहर की विशेष पूजा होगी।
- बर्फ से बनी विशेष झांकियां सजाई जाएंगी, जिनमें भोलेनाथ बाबा बर्फानी और ध्यान मुद्रा में कैलाश पर्वत पर नजर आएंगे।
प्रसिद्ध मंदिरों में महाशिवरात्रि उत्सव
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झाड़खंड महादेव मंदिर (वैशाली नगर):
- सुबह 4:30 बजे से रात 12 बजे तक मंदिर के पट खुले रहेंगे।
- शाम 4 बजे तक भक्त जलाभिषेक कर सकेंगे।
- थाईलैंड और बेंगलुरु से मंगाए फूलों से झांकी सजाई जाएगी।
- 200 से अधिक स्वयंसेवक व्यवस्थाएं संभालेंगे।
- बुजुर्गों के लिए ई-रिक्शा की सुविधा रहेगी।
- भजन संध्या में भोलेनाथ के भजन गाए जाएंगे।
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ताड़केश्वर महादेव मंदिर (चौड़ा रास्ता):
- ब्रह्म मुहूर्त से ही जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक की शुरुआत होगी।
- शाम तक यह सिलसिला चलेगा, फिर विशेष झांकी और चार प्रहर की पूजा होगी।
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चमत्कारेश्वर महादेव (झोटवाड़ा रोड), जंगलेश्वर महादेव (बनीपार्क), रोजगारेश्वर महादेव (छोटी चौपड़), द्वादश ज्योतिर्लिंगेश्वर सदाशिव महादेव (कूकस)
- इन मंदिरों में बिल्वपत्र और गंगाजल का वितरण किया जाएगा।
- सभी शिवालयों में भोलेनाथ का विशेष श्रृंगार होगा।
भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह
धार्मिक मान्यता के अनुसार, फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन पूजन, रात्रि जागरण और उपवास करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और मोक्ष का मार्ग खुलता है।
महाशिवरात्रि पर शिवभक्त उपवास रखकर भोलेनाथ की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन व्रत और दान करने से एक हजार अश्वमेध यज्ञ के समान फल मिलता है।
– पं. चंद्रमोहन दाधीच, ज्योतिषाचार्य