
जयपुर। राजस्थान सरकार ने 111 नगरीय निकायों (नगर निगम, नगर परिषद, नगर पालिका) के चुनाव टालते हुए जिला कलेक्टर, अतिरिक्त जिला कलेक्टर और उपखंड अधिकारियों को प्रशासक नियुक्त किया है। लेकिन, प्रशासकों के दोहरी जिम्मेदारी होने के कारण पट्टे जारी करने सहित अन्य काम प्रभावित हो रहे थे।
काम के बंटवारे का नया आदेश
- लोगों की परेशानी को देखते हुए स्वायत्त शासन विभाग ने बड़े निकायों में काम का बंटवारा किया है।
- जमीन और भवन निर्माण से जुड़े कार्यों की जिम्मेदारी संबंधित निकाय आयुक्त को दी गई है।
- इनमें पट्टे जारी करना, भूखंड पुनर्गठन, उपविभाजन और ले-आउट प्लान स्वीकृति जैसे कार्य शामिल हैं।
- बीकानेर, अलवर, भरतपुर, पाली और उदयपुर जैसे प्रमुख निकायों में यह व्यवस्था लागू होगी।
किन निकायों में प्रशासक नियुक्त हुए?
- नवंबर 2024: 49 शहरी निकायों में प्रशासक नियुक्त किए गए, जिनका बोर्ड कार्यकाल पूरा हो चुका था। इसमें 5 नगर निगम, 18 नगर परिषद और 26 नगर पालिका शामिल हैं।
- जनवरी 2025: 62 और निकायों में प्रशासक नियुक्त किए गए। यहां पहले सरपंचों को ही सभापति का चार्ज दिया गया था, लेकिन कार्यकाल खत्म होने के कारण प्रशासक नियुक्त किए गए।
वार्ड पुनर्गठन और परिसीमन के आदेश
- सरकार की मंशा “एक राज्य-एक चुनाव” की है, जिसके लिए स्वायत्त शासन विभाग ने विधि विभाग से राय मांगी है।
- सरकार ने सभी निकायों में वार्ड पुनर्गठन और परिसीमन के आदेश जारी कर दिए हैं।
- स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि आम जनता के काम में कोई रुकावट न आए, इसलिए प्रक्रिया को सरल बनाया गया है और जल्द ही वार्डों का पुनर्गठन और परिसीमन पूरा होगा।