भक्ति में डूबी काशी
काशी में महाशिवरात्रि का उत्सव पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है।
- मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है।
- हजारों भक्तों से पूरा मंदिर परिसर भरा हुआ है।
- शरीर पर भस्म, हाथों में त्रिशूल और गदा लिए हजारों नागा साधु बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए पहुंचे।
- हाथी-घोड़ों की सवारी और हर-हर महादेव के उद्घोष से काशी गूंज उठी।
नागा साधुओं के लिए विशेष व्यवस्था
- नागा साधुओं के दर्शन के लिए विशेष बैरिकेडिंग की गई थी।
- सबसे पहले जूना अखाड़े के नागा संन्यासी पहुंचे।
- उनके साथ आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि भी थे।
- ढोल-नगाड़ों, अस्त्र-शस्त्रों और करतबों के साथ नागा साधुओं की पेशवाई निकली।
महाकुंभ की पूर्णाहुति का अभिषेक
निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने बताया कि महाशिवरात्रि के अवसर पर सभी पांच अखाड़ों ने बाबा विश्वनाथ की पूजा-अर्चना की और महाकुंभ की पूर्णाहुति के लिए अभिषेक किया।
भक्तों की लंबी कतार और बाबा का भव्य श्रृंगार
- भक्तों की करीब 3 किलोमीटर लंबी कतार लगी रही।
- आधी रात से करीब 2 लाख श्रद्धालु लाइन में लगे थे।
- सुबह 2:15 बजे मंगला आरती हुई और बाबा विश्वनाथ का दूल्हे की तरह श्रृंगार किया गया।
- अब तक 2.37 लाख से ज्यादा भक्त दर्शन कर चुके हैं।
- मंगला आरती के दौरान प्रवेश न मिलने पर कुछ श्रद्धालुओं ने हंगामा किया, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें शांत कराया और फिर मंदिर के कपाट सभी भक्तों के लिए खोल दिए गए।
महाशिवरात्रि के इस भव्य आयोजन में काशी भक्ति और श्रद्धा से ओतप्रोत नजर आई।