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सिंधिया राजघराने ने बेतवा नदी किनारे बनवाए शिव मंदिर, पुजारियों को आज भी मिलता वेतन

बीना। सिंधिया राजघराने ने सैकड़ों साल पहले बेतवा नदी के किनारे कई शिव मंदिरों का निर्माण करवाया था, जहां आज भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं। ये स्थान धार्मिक पर्यटन के रूप में भी विकसित हो रहे हैं। खास बात यह है कि इन मंदिरों में पूजा करने वाले पुजारियों को आज भी सिंधिया परिवार की ओर से वेतन दिया जाता है

बीना और अशोकनगर जिले में मंदिरों का निर्माण

  • सिंधिया परिवार ने बीना से लेकर अशोकनगर जिले तक बेतवा नदी के किनारे कई शिव मंदिरों का निर्माण कराया
  • मंदिरों के संचालन की जिम्मेदारी भी सिंधिया राजघराने ने ली, जो आज भी जारी है।
  • बीना तहसील के पिपरासर सोनचर गांव में बने शिव मंदिर में नियमित रूप से धार्मिक आयोजन होते हैं
  • पिपरासर घाट पर स्थित इस मंदिर के पुजारी को वेतन सिंधिया परिवार की ओर से दिया जाता है

तहसील कार्यालय से मिलता है वेतन

  • पिपरासर मंदिर के पुजारी का वेतन तहसील कार्यालय से दिया जाता है
  • यह राशि सिंधिया परिवार की ओर से तहसील कार्यालय में जमा कराई जाती है, जो पुजारियों को वेतन के रूप में मिलती है।

कंजिया में भी बने शिव मंदिर

  • कंजिया में भी सिंधिया परिवार ने दो शिव मंदिरों का निर्माण कराया था
  • इन मंदिरों के संचालन के लिए जमीन भी दी गई है
  • इस जमीन पर खेती करके पुजारी मंदिर की पूजा और देखभाल की व्यवस्था संभालते हैं

अन्य स्थानों पर भी मंदिरों का निर्माण

  • ग्रामीणों के अनुसार, अशोकनगर जिले में भी बेतवा नदी किनारे कई अन्य स्थानों पर शिव मंदिर बने हुए हैं
  • इन मंदिरों के पुजारियों को भी वेतन मिलता है, जिससे मंदिरों का संचालन सुचारू रूप से जारी है

सिंधिया राजघराने की इस परंपरा से मंदिरों की देखभाल और पूजा-अर्चना वर्षों से बिना किसी बाधा के चल रही है।

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