कैसे पकड़ा गया ट्रक?
- 5 फरवरी को कैलारस पुलिस ने चावल माफिया के गोदाम से पीडीएस के चावल से भरा ट्रक पकड़ा।
- फूड विभाग ने गोदाम को सील कर दिया, लेकिन बाद में जांच करने पर गोदाम में सिर्फ बाजरा और सरसों मिली, चावल गायब थे।
- पहले भी कई बार पीडीएस चावल से भरे ट्रक पकड़े गए, जिनमें तुरंत एफआईआर दर्ज की गई थी, लेकिन इस बार मामला उलझ गया है।
- माना जा रहा है कि फूड विभाग और चावल माफिया के बीच मिलीभगत हो सकती है।
मामला क्यों लटका हुआ है?
- फूड विभाग का कहना है कि पीडीएस का जब्त माल कलेक्टर के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए रिपोर्ट कलेक्टर को भेजी गई।
- नियम के अनुसार, जब्त माल तभी बेचा जा सकता है जब मामला सुलझ जाए या कलेक्टर की अनुमति मिल जाए।
- लेकिन इस मामले में न तो परमीशन ली गई, न ही कोई निर्णय हुआ, जिससे मामला अधर में लटक गया।
विशेषज्ञ की राय
बी.एस. तोमर (सेवानिवृत्त जिला नियंत्रक, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग):
- जब्त पीडीएस माल को बेचने के लिए अनुमति जरूरी होती है या फिर मामले का निपटारा होना चाहिए।
- अगर इससे पहले कोई माल बेचता है, तो वह अवैध माना जाएगा और कार्रवाई हो सकती है।
जितेंद्र राजावत (कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी) से बातचीत
- प्रश्न: कैलारस में पीडीएस चावल से भरा ट्रक 20 दिन से खड़ा है, अब तक एफआईआर क्यों नहीं हुई?
उत्तर: चावल मालिक ने कुछ दस्तावेज जमा किए हैं, जिनकी फाइल कलेक्टर न्यायालय में है। वहीं से फैसला होगा। - प्रश्न: पहले पकड़े गए पीडीएस चावल पर तुरंत कार्रवाई हुई, इस बार देरी क्यों?
उत्तर: इस बार चावल की नीलामी के कागजात लगे हैं। मालिक ने बताया कि ये चावल नीलामी के थे, जिन्हें बाहर भेजा जा रहा था। - प्रश्न: गोदाम भी सील किया गया था, उसमें क्या मिला?
उत्तर: गोदाम खोलने पर सिर्फ बाजरा और सरसों मिली, चावल नहीं था। मालिक का कहना है कि यह नीलामी का अंतिम स्टॉक था और अब गोदाम में कुछ नहीं बचा।
निष्कर्ष
कैलारस में पकड़े गए पीडीएस चावल से भरे ट्रक का मामला फंस गया है। फूड विभाग ने एफआईआर दर्ज कराने के बजाय मामला उलझा दिया, जिससे सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या विभाग चावल माफिया को बचाने की कोशिश कर रहा है? अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कब तक और क्या कार्रवाई करता है।