सिरपुर, जो नारायणपुर जिले से 22 किलोमीटर दूर स्थित है, अपने ऐतिहासिक शिव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। भक्त शिवलिंग पर जल चढ़ाने और पूजा करने के लिए कतार में खड़े नजर आए। हालांकि, यह मंदिर सालभर अपनी पहचान के लिए तरसता है और इसके संरक्षण के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किया जा रहा।
सिरपुर: भगवान शिव की पवित्र नगरी
सिरपुर प्राचीन काल में भगवान शिव की नगरी के रूप में जाना जाता था। यह चारों ओर हरे-भरे पहाड़ों से घिरा हुआ है। पहले यह 44 गांवों का मुख्यालय हुआ करता था और यहां परगना, गायता, परगना मांझी और चालकी जैसे समुदाय रहते थे। गांव के पुजारियों के अनुसार, यह स्थान सतयुग में शिव का धाम था।
प्राचीन मंदिर और रहस्यमयी गुफाएं
सिरपुर में कई प्राचीन शिव, पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की मूर्तियां हैं। इसके अलावा, मंदिर के पास एक तालाब है, जिसमें सालभर पानी रहता है। कहा जाता है कि यहां झरनों और जलप्रपातों के नीचे दो गुप्त शिवलिंग छिपे हुए हैं – आदि कल्पेश्वर महादेव और पशुपति सर महादेव।
सिरपुर के 7 शक्तिपीठ और ऐतिहासिक युद्ध
सिरपुर की चारों दिशाओं में 7 शक्तिपीठ हैं, जिनमें शामिल हैं:
- त्रिगलेश्वर महादेव
- आदिकल्पेश्वर महादेव
- पातालेश्वर
- पशुपतिश्वर
- भूमंडलेश्वर
- त्रिपुरेश्वर
- सिरेश्वर
पुराने समय में सिरपुर धन और ऐश्वर्य से परिपूर्ण था, जिससे पड़ोसी राज्यों के राजा इसे लूटने के लिए हमला करते थे। लेकिन हर युद्ध में सिरपुर की जीत होती थी।
कोंडागांव में भी शिवरात्रि का उत्सव
कोंडागांव में भी महाशिवरात्रि पर भव्य आयोजन हुआ। नगर के विभिन्न मंदिरों में रुद्राभिषेक, वैदिक मंत्रोच्चार और भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। मंदिर समितियों ने भंडारे का आयोजन कर भक्तों को प्रसाद वितरित किया।
राजाओं के महल और रहस्यमयी दरवाजे
सिरपुर की पहाड़ियों में पुराने राजाओं के महल, गुफाएं और तिलिस्मी दरवाजे हैं।
- कोइकि डोंगरी – यह राजाओं के महल के रूप में जाना जाता है, जिसकी चोटी पर एक विशाल छेद (तोता छेद) स्थित है।
- गोबर डोंगरी – यहां एक पत्थर का मुसल है, जो प्राचीन राजाओं द्वारा उपयोग किया जाता था।
- रहस्यमयी गुफाएं – इन गुफाओं में प्राचीन हथियार, तलवार, आदिम लिपियां, शैल चित्र और देवी-देवताओं की मूर्तियां छिपी हुई हैं। कहा जाता है कि ये गुफाएं देवी की इच्छा से ही खुलती और बंद होती हैं।
सिरपुर: एक धरोहर बनने की ओर
सिरपुर का शिव मंदिर धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है। अगर इस मंदिर का संरक्षण किया जाए, तो यह एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल और धरोहर बन सकता है।