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भोपाल गैस कांड के जहरीले कचरे पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का आदेश बरकरार रखा
सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस कांड के जहरीले कचरे (Union Carbide Waste) को जलाने को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने हाईकोर्ट के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता अपनी शिकायतें हाईकोर्ट में ही दर्ज कराएं। इस फैसले के बाद अब पीथमपुर में 10 टन कचरे को जलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है

कचरा जलाने के लिए सुरक्षा और दिशानिर्देशों का पालन

सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया को लेकर राज्य सरकार को गाइडलाइन का पालन करने का निर्देश दिया था। अदालत ने यह भी कहा कि कचरा जलाने से पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर कोई खतरा है या नहीं, इसकी पूरी तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश की जाए। इस संदर्भ में, कोर्ट ने इस विषय पर गहरी चिंता भी व्यक्त की थी।

पीथमपुर में सुरक्षा इंतजाम बढ़ाए गए

अब जब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर मुहर लगा दी है, तो पीथमपुर में हलचल तेज हो गई है। यहां कचरा जलाने की प्रक्रिया के लिए रामकी प्लांट को सुरक्षा कवर में लिया गया है और 24 थानों से करीब 500 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि इस प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके और कचरा जलाने का कार्य सुचारू रूप से हो सके।

भोपाल गैस कांड से जुड़े इस फैसले का महत्व

यह फैसला भोपाल गैस कांड से जुड़े कचरे के निपटान को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम है। यह जहरीला कचरा लंबे समय से विवाद का विषय बना हुआ था, और अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार और प्रशासन इसके सुरक्षित निपटान के लिए सक्रिय हो गए हैं। हालांकि, पर्यावरणविद और सामाजिक कार्यकर्ता इस प्रक्रिया पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इससे पर्यावरण और आम जनता पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े

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