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कल्चरल स्ट्रीट बनी पार्किंग, अस्पताल और होटलों का कब्जा

भंवरताल गार्डन के पास बनी कल्चरल स्ट्रीट का मकसद कलाकारों और कला प्रेमियों के लिए आयोजन स्थल बनाना था, लेकिन अब यह वाहनों की पार्किंग और अराजकता का अड्डा बन गई है।

पार्किंग में बदल गई कल्चरल स्ट्रीट

  • आयोजन साल में सिर्फ एक-दो बार होते हैं, बाकी समय यहां वाहन पार्किंग, नशेड़ियों और आवारा घूमने वालों का ठिकाना बना रहता है।
  • आसपास के अस्पताल, होटल और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों ने इसे अपनी अनधिकृत पार्किंग बना लिया है।

बेरिकेट हटाए, गार्ड करा रहे पार्किंग

  • पहले स्ट्रीट के दोनों छोर पर बेरिकेटिंग थी, जिससे सिर्फ एक-दो वाहन अंदर आ सकते थे।
  • अब संग्रहालय वाले छोर की बेरिकेटिंग हटा दी गई है, जिससे होटल और अस्पताल आने वाले लोग यहां अपनी कारें पार्क करने लगे हैं।
  • गार्ड और पार्किंग कर्मचारी खुद पार्किंग कराने में लगे हैं।

“हमें साहब का आदेश है”

  • जब एक गार्ड से पूछा गया कि यहां गाड़ियां खड़ी करने की इजाजत किसने दी?
  • उसने जवाब दिया – हमें साहब का आदेश मिला है, हम कुछ नहीं जानते।
  • हर दिन अलग-अलग प्रतिष्ठानों के लोग यहां गाड़ियां खड़ी करते हैं।

कुत्तों को घुमाने की जगह भी बनी

  • यहां सुबह-शाम लोग अपने कुत्तों को घुमाने लाते हैं।
  • कुत्तों की गंदगी से पूरी स्ट्रीट गंदी हो रही है।
  • विरोध करने पर डॉग लवर्स झगड़ने तक को तैयार रहते हैं।

जिम्मेदार कौन?

नगर निगम और प्रशासन की लापरवाही के कारण कल्चरल स्ट्रीट का उद्देश्य खत्म हो गया है। अब यह कला प्रेमियों की जगह पार्किंग स्ट्रीट और अव्यवस्था का केंद्र बन चुकी है।

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