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दिल्ली में नालों की सफाई को लेकर विवाद, एनजीटी ने जताई चिंता

Delhi News: यमुना में गिरने वाले 24 नालों की सफाई में हो रही देरी पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने चिंता जताई है। एनजीटी ने कहा कि दिल्ली में विभागों के बीच विवाद के कारण सफाई का काम प्रभावित हो रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है।

समस्या कहां है?

गुरुवार को हुई सुनवाई में दिल्ली सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग (I&FCD) के अतिरिक्त मुख्य सचिव नवीन कुमार चौधरी ने बताया कि कुशक और सुनेहरी पुल नाले भारी अतिक्रमण के कारण साफ नहीं हो पा रहे हैं। इनकी सफाई दिल्ली नगर निगम (MCD) और अन्य एजेंसियों की मदद से ही संभव है, लेकिन MCD से कोई जवाब नहीं मिल रहा है

एनजीटी की टिप्पणी

एनजीटी के न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि दिल्ली में चल रहे विभागीय विवाद से सफाई का काम प्रभावित हो रहा है। जब तक नालों के ढके हुए हिस्सों की सफाई नहीं होगी, तब तक ओवरफ्लो की समस्या बनी रहेगी

क्या होगा आगे?

  • 10 दिनों के भीतर दिल्ली सरकार, MCD और अन्य एजेंसियों की बैठक होगी
  • I&FCD को मई 2025 तक सफाई पूरी करने का निर्देश दिया गया है।
  • नजफगढ़ नाले की सफाई में तीन साल लग सकते हैं, जबकि अन्य नालों का काम मई तक पूरा करने का लक्ष्य है।

स्थानीय लोगों की याचिकाएं

दिल्ली के निवासियों ने एनजीटी में याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया कि सफाई न होने से मानसून में जलभराव की समस्या होती है। बारापुला और अन्य नालों के कारण दक्षिण दिल्ली के कई इलाकों में हर साल बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है

12.7 करोड़ मीट्रिक टन गाद हटानी होगी

I&FCD ने बताया कि 12.7 करोड़ मीट्रिक टन गाद निकालने का लक्ष्य रखा गया है

  • नजफगढ़ नाले की सफाई में 3 साल लग सकते हैं
  • बारापुला, शाहदरा और कुशक जैसे नालों की सफाई मानसून से पहले पूरी करने की योजना है।

अब सभी संबंधित एजेंसियों को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा ताकि दिल्ली में बाढ़ और जलभराव की समस्या से बचा जा सके

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